अभी-अभी सूचना मिली है कि सहारा मीडिया के ग्रुप न्यूज डायरेक्टर उपेंद्र राय ने सहारा के नोएडा स्थित आफिस में वरिष्ठों की एक बैठक बुलाई और सबको सूचित कर दिया कि सीईओ और एडिटर इन चीफ पद से संजीव श्रीवास्तव ने इस्तीफा दे दिया है. सूचना के मुताबिक बैठक में सहारा मीडिया के प्रिंट, वेब, टीवी, मैग्जीन आदि माध्यमों में कार्यरत वरिष्ठ बुलाए गए थे.
भड़ास4मीडिया पर संजीव श्रीवास्तव के इस्तीफा देने संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद पूरे देश के मीडिया जगत में सनसनी फैल गई. लोग एक दूसरे को फोन करके खबर की सत्यता के बारे में जानने के लिए आतुर दिखे. ज्यादातर लोगों ने इस अप्रत्याशित घटनाक्रम पर विश्वास नहीं किया और इसे अफवाह मात्र समझा. पर अब जबकि यह पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है कि संजीव श्रीवास्तव ने इस्तीफा दे दिया है, लोग इस्तीफा देने के कारणों के बारे में आंकलन करने और अपने-अपने हिसाब से विश्लेषण करने में जुट गए हैं.
भड़ास4मीडिया के जरिए इस्तीफे की खबर देश भर में फैलने के बाद सहारा के नोएडा स्थित आफिस में कार्यरत लोगों के पास भी फोन आने लगे. सब सच्चाई जानने को उत्सुक थे. ऐसे में उपेंद्र राय ने बैठक बुलाकर स्थिति को स्पष्ट कर दिया ताकि कोई भ्रम न बना रहे और अफवाहबाजों को अफवाह फैलाने का मौका नहीं मिले. सूत्र बताते हैं कि बैठक में उपेंद्र राय ने संजीव श्रीवास्तव के पेपर सबमिट करने के बारे में एनाउंस कर दिया.
सूत्रों का कहना है कि सहारा जिस तरह से बड़े पदों पर लोगों को हायर और फायर करता है, उससे मीडिया इंडस्ट्री में इस समूह की साख प्रभावित हुई है. ढेरों नाम ऐसे हैं जिन्हें सहारा में ससम्मान शीर्ष पदों पर लाया गया पर कुछ ही महीनों बाद अचानक उन्हें जाना पड़ा. संजीव श्रीवास्तव का चार माह का अल्प कार्यकाल कई मायनों में सहारा के लिए महत्वपूर्ण था. मीडिया के चर्चित नाम संजीव श्रीवास्तव ने सहारा में आने के बाद वर्क कल्चर बदलने की कोशिश की और चीजों को नए सिरे से री-अरेंज कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. फिलहाल वो कहां जा रहे हैं, यह पता नहीं चल पाया है.
सूत्रों का कहना है कि सहारा में आने के बाद घटनाक्रम इतना तेजी से घटित होगा, इसका अंदाजा संजीव श्रीवास्तव को भी नहीं था. संजीव के इस्तीफा दे देने से सहारा के नोएडा स्थित आफिस व देश के अन्य आफिसों में काम का माहौल कम, संजीव के जाने की चर्चाएं ज्यादा हो रही हैं. हर सहाराकर्मी अपने-अपने हिसाब से स्थिति के आकलन में लगा हुआ है.
vivek
May 5, 2010 at 12:47 pm
Unka kya hoga jo “Boss” ke peeche peeche Sahara gaye the?
rajesh vajpayee unnao
May 5, 2010 at 1:33 pm
jo huwa theek huwa.ab youngmen free hokar sahara print va electronic ko apnein star news kay anubhav ka vastvik gyan kay darshan va mayanein saharian ko
samjhayengay.
all the best upendraji.god bless you.
ram
May 9, 2010 at 6:11 pm
aj tak sahara ka record raha hai ki koi bhi ache log waha jayda samay tak nahi rah sakte. jayada change waha ke khas logo ko bardasth nahi hota jo sahara ke khas hai. jo kuch nahi karna chahte….. flash back history record ……