टीवी वालों की सेलरी में 10 फीसदी की कटौती, प्रिंट वालों के बेसिक फोन किराए पर गिरी गाज : कभी सहारा पैसे, सुविधाओं आदि के लिहाज से बेहतर संस्थानों में से एक माना जाता था। लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं रही। बात-बात पर पैसे काटे जाने से सहारा के मीडियाकर्मी इन दिनों बेहद परेशान हैं। प्रबंधन उनके आर्थिक हितों पर लगातार चोट कर रहा है। सहारा के न्यूज चैनल से जुड़े एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि मंदी के दिनों में इनक्रीमेंट में जो पचास फीसदी कटौती की गई थी, उसकी बहाली अब तक नहीं की गई। ऊपर से अब सेलरी में दस फीसदी की कटौती का फरमान जारी कर दिया गया है। इस कटौती से मीडियाकर्मियों के होश उड़े हुए हैं।
उधर, राष्ट्रीय सहारा, लखनऊ व कानपुर में रिपोर्टरों को बेसिक फोन के नाम पर दिए जाने वाले प्रति महीने 430 रुपये के रेंटल को भी मैनेजरों ने बंद करा दिया है। देर सबरे यह नियम राष्ट्रीय सहारा की अन्य यूनिटों में भी लागू किया जाएगा। सहारा से जुड़े एक पत्रकार का कहना है कि चार सौ रुपये का बेसिक फोन का किराया देने में कंपनी को अगर इतनी दिक्कत हो रही है तो इससे समझा जा सकता है कि सहारा की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उधर, नोएडा स्थित सहारा के आफिस में कहा जा रहा है कि मैनेजर न्यूज चैनल के लिए बिजनेस जुटाने में नाकाम रहे हैं तो बजाय उनको दंडित करने के, इसका खामियाजा पूरे स्टाफ को क्यों दिया जा रहा है? एक अन्य सूचना के अनुसार राष्ट्रीय सहारा, गोरखपुर में करीब आधा दर्जन पत्रकारों की सेलरी में करीब ढाई हजार रुपये की वृद्धि की गई है।