14 साल तक एनडीटीवी में जमे रहे, ट्रेनी से मैनेजिंग एडिटर तक रहे, छोड़ा तो सीधे ग्रुप प्रेसीडेंट बनकर एस्सार समूह पहुंचे : शिवनाथ ठुकराल तो गजब के उस्ताद निकले। सीखना चाहिए उनसे। खासकर पत्रकारों को। जहां रहो, जबर्दस्त तरीके से रहो। जाओ तो गर्व के साथ जाओ। हाल-फिलहाल ऐसा काम शशि शेखर ने किया। अमर उजाला के ग्रुप एडिटर रहे तो पूरे तेवर के साथ रहे। गए तो और बड़े ओहदे पर गए और पूरे सम्मान व तेवर के साथ गए। ठुकराल का भी किस्सा कुछ-कुछ शशि शेखर जैसा है। भनक तक नहीं लगने दी की कहां जा रहे हैं वे। पर जब पता चला तो उनके विरोधियों ने भी दबा ली दांतों तले उंगलियां। एनडीटीवी से करियर शुरू करने वाले ठुकराल एनडीटीवी में ही 14 वर्षों के भीतर मैनेजिंग एडिटर तक बन गए और फिर पूरे ग्रुप के बिजनेस एडिटर व सलाहकार रहे। यहां से गए तो सीधे एस्सार ग्रुप के ग्रुप प्रेसीडेंट बन गए। वे कारपोरेट ब्रांडिंग और स्ट्रेटजिक इनिशिएटिव देखेंगे। 14 बिलियन डालर वाले एस्सार ग्रुप में ठुकराल की ताजपोशी 12 अक्टूबर को होगी। यह तो सभी को पता होगा कि एस्सार ग्रुप ने हच शुरू किया था।
इसे बाद में वोडाफोन ने टेकओवर कर लिया। ‘वोडाफोन एस्सार’ नामक नई कंपनी में एस्सार का अब भी 11 फीसदी स्टेक है। वोडाफोन एस्सार भारत में दूसरा सबसे बड़ा जीएमएम टेलीकाम आपरेटर है। एस्सार ग्रुप के चेयरमैन शशि रुइया ने शिवनाथ ठुकराल की ज्वायनिंग के बारे में एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि शिवनाथ को भारतीय बिजनेस, फाइनेंसियल मार्केट और इकानामिक अफेयर्स की अच्छी खासी समझ व इन्हें विश्लेषित करने की क्षमता है। दुनिया भर के जाने-माने विशेषज्ञों और प्रोफेशनल्स से शिवनाथ के रिश्ते हैं। शिवनाथ की प्रतिभा से एस्सार समूह निश्चित रूप से नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा। दिल्ली स्कूल आफ इकॉनामिक्स से पढ़े और अमेरिका से मीडिया में मास्टर की डिग्री हासिल कर चुके शिवनाथ भले ही मीडिया की दुनिया को अलविदा बोल चुके हों लेकिन कहा जा रहा है कि एस्सार ग्रुप के साथ जुड़कर शिवनाथ मीडिया के क्षेत्र में भी एस्सार ग्रुप के पदार्पण की संभावनाओं का अध्ययन करेंगे। फिलहाल एस्सार ग्रुप एक अमेरिकी मैग्जीन के भारत में प्रकाशन की योजना बनाए हुए है।
हाल-फिलहाल एक और बड़े पत्रकार मीडिया जगत को बाय बोलकर उद्योग जगत की सवारी करने निकले हैं। ये हैं राजऋषि सिंघल। सिंघल साहब टाइम्स आफ इंडिया में एक्जीक्यूटिव एडिटर हुआ करते थे। इन्होंने धनलक्ष्मी बैंक की रिसर्च यूनिट के हेड के बतौर ज्वाइन किया है।