सीनियर जर्नलिस्ट अभिज्ञात कोलकाता में हिंदी दैनिक सन्मार्ग में काम करते हैं। साहित्य में गंभीर सरोकार वाली रचनाओं के लिए वे विशेष तौर पर जाने जाते हैं। पर इऩ दिनों अभिज्ञात का मिजाज कुछ बदला-सा है। उन्हें जाने क्या हुआ कि वे आइटम सांग लिखने और गवाने के मैदान में कूद पड़े हैं। इस काम को वे गुलजार का नाम लेकर सही ठहराते हैं। अभिज्ञात के शब्दों में- ”आइटम सांग तो गुलजार जैसों ने भी लिखे हैं मैं क्या चीज़ हूं।” लेकिन अभिज्ञात अभी आधा सच ही बता रहे हैं। दरअसल जब आपकी घरवाली कोई म्यूजिक एलबम बनाए और आपसे कहे कि एक आइटम सांग लिख मारो तो भला कौन मना करेगा। और अगर घरवाली के खूबसूरत गाल पर डिम्पल हों तो फिर क्या कहने, आइटम सांग में चार चांद लगने ही हैं।
कुछ ऐसा ही हुआ अभिज्ञात के साथ। अभिज्ञात ने प्रतिभा सिंह के लिए भोजपुरी में आइटम सांग लिखा है। प्रतिभा सिंह के भोजपुरी एल्बम ‘मेहरारू ना पइब’ में उनके लिखे गीत ‘केश बा हमरो नागिन एस, जनमरवा गड़हा गाल के। रूप फेल हम कइले बानी, कश्मीर और बंगाल के’ पर बाकायदा एक बंगाली बाला ने आइटम डांस किया है। अभिज्ञात से ऐसा गीत प्रतिभा सिंह ही लिखवा सकती थीं। उसका एक खास कारण तो यही है कि वे न सिर्फ अभिज्ञात के दिल की मालकिन हैं बल्कि उनके घर की भी। जी हां, अभिज्ञात जिस घर में रहते हैं वह प्रतिभा सिंह का है। और बहुत कम लोग जानते हैं कि भोजपुरी की मशहूर गायिका प्रतिभा सिंह उनकी पत्नी हैं। प्रतिभा सिंह के गालों के डिम्पल पर गीत लिखने की ड्यूटी तो अभिज्ञात ही बजा सकते हैं।
RAHUL NISHAD
June 24, 2010 at 10:49 am
MY NAME IS RAHUL NISHAD. I’m A STUDENT. I LIKE WILD LIFE, AND I WANT BECOME A FOREST RENGER. I WOULD LIKE CONSERVE OUR WILD LIFE.
ONCE DAY I GOES A VILLAGE SIDE AND I SAW SOME PEOPLE ARE BEATEN A MONKEY, THEN I GO THERE AND I OBJECTION THEM.NOW WHERE STAY SOME PEOPLES ARE UNDERSTAND ME. AND THEY RETURN OUR HOME, AND I SAVED MONKEY.
I PUBLISH A WEB SIDE http://www.rahulsaveourtigers.webs.com
BECAUSE I WANT CONSERVE TO EVERY ANIMALS.
I LIKE HELP TO EVERY ANIMALS.
I DO THIS WORK EVERY DAY.
AND I WANT TO EVERY PEOPLES….. SAVE OUR TIGERS & CONSERVE OUR WILDLIFE
THANKUOU…