देश के कई हिस्सों से खबरें आ रही हैं। कई दिनों से आ रही हैं। इन्हें बेसिर-पैर की मानकर हम इगनोर कर रहे थे। लेकिन बिना आग के धुआं संभव नहीं। कल मिली एक ई-चिट्ठी में स्टार न्यूज में काम करने वालों के अंदर कायम बेचैनी की तरफ इशारा किया गया है। मेल को यहां प्रकाशित कर रहे हैं, इस उम्मीद में कि स्टार न्यूज के साथी वास्तविक स्थिति बताएंगे, [email protected] पर मेल भेजकर। उनके नाम-पहचान को गुप्त रखा जाएगा। एक अन्य पाठक ने स्टार न्यूज में सर्वर डाउन होने और उससे हो रही तकलीफ के बारे में जानकारी भेजी है। उसे भी छाप रहे हैं। हम स्पष्ट कर दें, भड़ास4मीडिया स्टार न्यूज को ऐसा संस्थान मानता है जहां काम की स्थितियां बाकियों से बहुत बेहतर हैं। वर्कलोड ज्यादा नहीं। छुट्टियां-सुविधाएं पर्याप्त हैं। चीख-चिल्लाहट, गाली-गुप्ता न के बराबर। बावजूद इसके, अगर अंदरखाने धुआं है तो उसे बाहर निकलना चाहिए, दम घुटने से बचाने के लिए। -एडिटर, भड़ास4मीडिया
Yashwant ji, In TV18’s 20% cost cutting procedure it’s turn of star news to curtail manpower. Employees of Star News are afraid of it that a list of more than 30 editorial members has prepared to throw out frm the organization. there are six to seven video editors’s name in the list to remove frm the job . As per information Star News is curtailing HR team also.
Employees are talking that one side where organization is increasing salary of their anchors on the other side removing procedure of employees is going on…which is not justice……as per internal information once in Star News 90 percent news were telecasting in package format but nowadays editorial managers are emphasising that all news should be aired as anchor visual or anchor visual format…there is no need to make all stories in pkg format……….
स्टार न्यूज का सर्वर पिछले 4 दिनों से डाउन
पता चला है कि देश का अग्रणी समाचार चैनल स्टार न्यूज पिछले चार दिन से परेशानी में है। वहां का इंटरनल सर्वर चार दिन से डाउन चल रहा है। इसके चलते कुछ-एक वीडियो एडिटर ही काम कर रहे हैं और बाकी के स्टार के बाहर चाय की दुकानों पर मस्ती करते नजर आ रहे हैं। मालूम हो कि स्टार का यह सर्वर बैठा होने के कारण जो भी पैकेज किसी तरह से कट भी रहे हैं तो वह वीटीआर से सीधे टेप करके चलाये जा रहे हैं। इस कारण से प्रोड्यूसरों की धड़कन तेज है लेकिन पैकेज काटने का महत्वपूर्ण कार्य करने वाले वीडियो एडिटरों का काम कुछ हल्का हो गया है। लेकिन SUFFER तो कर रहा है स्टार न्यूज।
एक महत्वपूर्ण बात और पता चली है कि वहां के स्टॉफ में यह भी असंतोष फैला है कि पार्टी आदि के नाम पर लाखों रुपये फूंक देने वाला स्टार न्यूज अपने सॉफ्टवेयर पर इतना पैसा क्यूं नहीं खर्च करता। यशवंत जी, पूरी खबर मी़डिया सूत्रों पर आधारित करके प्रकाशित करें। खबर बिलकुल पक्की है।