फरीदाबाद जिले में हाकरों ने टाइम्स ग्रुप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कल से हाकर टाइम्स ग्रुप का कोई भी अखबार नहीं उठा रहे हैं। टाइम्स आफ इंडिया, नवभारत टाइम्स, ईटी हिंदी और ईटी अंग्रेजी– इन सभी अखबारों का हाकरों ने बहिष्कार कर दिया है। पता चला है कि इसके पीछे वजह नवभारत टाइम्स की रीडर स्कीम से हाकरों को मिलने वाले कमीशन में कटौती है। फरीदाबाद न्यूजपेपर हाकर्स यूनियन के नेता महावीर पांडेय ने भड़ास4मीडिया को बताया कि फरीदाबाद और गाजियाबाद जिलों के लिए टाइम्स ग्रुप प्रबंधन ने नवभारत टाइम्स अखबार के लिए आठ महीने पहले एक स्कीम शुरू की थी। इस स्कीम के तहते कंपनी साढ़े तीन रुपये के नवभारत टाइम्स के लिए एक रीडर से एक साल के लिए 350 रुपये की जगह 250 रुपये सीधे ले लेती है। हाकर से कहा जाता है कि वे एजेंट से अखबार एक रुपये 65 पैसे में खरीदें और रीडर को दे दें। रीडर से कोई पेमेंट नहीं लेना है। महीना खत्म होने पर हाकर को रीडर से एक कूपन लेना है। इस कूपन को हाकर कंपनी में कैश कराएं।
कूपन के बदले कंपनी हाकर को हर महीने 105 रुपये देगी। महावीर के अनुसार इस स्कीम के आधार पर हम लोगों को पिछले आठ महीने से हर महीने हर कूपन पर 105 रुपये कंपनी देती रही है। अब जबकि स्कीम के खत्म होने में चार महीने बाकी रह गए हैं, कंपनी ने 105 रुपये देने से इनकार कर दिया है। कंपनी का कहना है कि उसके पास पैसा नहीं है, संकट का दौर चल रहा है इसलिए 105 रुपये की जगह हाकर सिर्फ 75 रुपये लेकर संतोष करें। महावीर पांडेय के मुताबिक इस शर्त को मानने से हम लोगों ने इनकार कर दिया। इसी के चलते टाइम्स ग्रुप के सभी अखबारों को कल से हम लोग नहीं उठा रहे हैं।
न्यूजपेपर हाकर्स यूनियन ने टाइम्स प्रबंधन को चेतावनी दी है कि अगर वे लोग हाकरों के पेट पर लात मारना जारी रखते हैं तो उनके अखबारों को होली जलाई जाएगी। सैकड़ों हाकरों ने आज फरीदाबाद पुलिस को लिखित नोटिस भेज दिया है कि वे लोग टाइम्स ग्रुप की मनमानी के खिलाफ उसके अखबारों को नहीं उठा रहे हैं और आगे आंदोलनात्मक कार्रवाई करेंगे। अगर कुछ होता है तो इसके लिए जिम्मेदार टाइम्स प्रबंधन होगा।