अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित दैनिक हिंदुस्तान, पटना के डिप्टी न्यूज एडीटर सुनील कुमार गौतम की हालत में कोई खास सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। शारीरिक और मानसिक रूप से टूट चुके गौतम जी की आर्थिक दशा काफी दयनीय हो गई है। पिछले दिनों भड़ास4मीडिया द्वारा उनकी मदद के लिए चलाए गए अभियान से कई लोग और कई संस्थाएं उनके साथ खड़ी हुईं। लोगों ने यथासंभव आर्थिक सहायता दी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 90 हजार रुपये, केंद्रीय इस्पात मंत्री राम विलास पासवान ने एक लाख रुपये दिए। इनसे पहले दैनिक हिंदुस्तान समेत कई अखबारों और पत्रकार संगठनों के साथियों ने गौतम जी तक छोटी-बड़ी रकम मदद के रूप में पहुंचाई। इसी सब से गौतम जी को एक-एक लाख रुपये के तीन इंजेक्शन (REMICADEL INFLIXIMAB- 100 mg) लगाए जा सके।
इसे गौतम जी का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि 15 लाख से अधिक रुपये खर्च हो जाने के बाद भी परिणाम अभी तक शून्य है। ब्लीडिंग बंद नहीं हो रही। इसकी मात्रा कभी कम या ज्यादा हो जाती है। अब तो लगता है जैसे शुभचिंतकों की दुवाएं भी काम नहीं कर रही हैं। पिछले चार वर्षों से बड़े बड़े अस्पतालों के चक्कर लगा रहे गौतम जी का धीरज भी अब जवाब देने लगा है। भड़ास4मीडिया से बातचीत में उन्होंने साफ-साफ कहा कि अब उनका अस्पताल और दवाओं से विश्वास उठ चुका है। वे खुद को भगवान के हाथ में सौंप रहे हैं। जो होगा देखा जाएगा। उनका कहना है कि ज्यों ज्यों दवा की, मर्ज बढ़ता गया वाली स्थिति उनके साथ हो रही है। गौतम जी के मुताबिक अब उनकी पीड़ा को हरने वाला कोई नहीं है। दवा का खर्चा, घरेलू खर्च, बच्चों की पढ़ाई का खर्चा- पर आमदनी कोई नहीं। सभी छुट्टियां खत्म होने से उनके लिए हिंदुस्तान दफ्तर से आने वाला पेमेंट भी बंद हो चुका है। गौतम जी ने सभी पत्रकार साथियों और शुभचिंतकों से भड़ास4मीडिया के माध्यम से अपील की कि वे उनके जीवन को बचाने के लिए एक बार फिर सोचें और सुझाव दें।
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