मित्रों, कुछेक दागदार लोगों की वजह से मीडिया दलाली करने वालों की जमात जैसा लगने लगा है। हम सबने ऐसे कई दागी चेहरों पर से, नकाब उतारे। यह अच्छी बात है। लेकिन ऐसे घनघोर माहौल में भी अगर कुछ लोग दलालों के सामने नहीं झुके तो उनको सामने लाना जरूरी है। वरिष्ठ पत्रकार अंबिकानंद सहाय अमरसिंह को ठेंगे पर रखते थे। अपने से ज्यादा ताकतवर होने के बावजूद वे अमरसिंह के सामने कभी नहीं झुके। इसी पूरे मसले पर मेरा यह लेख पढ़ें… -निरंजन परिहार, वरिष्ठ पत्रकार, मुंबई