बौखलाए सीएम निशंक ने पत्रकार उमेश कुमार के घर धावा बोलने के आदेश दिए

: उत्तराखंड पुलिस ने उमेश कुमार के नोएडा स्थित घर को घेरा : गिरफ्तारी कर अपमानित करते हुए उत्तराखंड ले जाने पर तुली : एनएनआई और भड़ास4मीडिया पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के महाघोटाले के बारे में खबर छपने के कुछ ही देर बाद निशंक का माथा घूम गया और उन्होंने उमेश कुमार के खिलाफ बर्बर कार्रवाई शुरू करा दी है. अभी तक पत्रकार उमेश कुमार के घर और मकान को निशाना बनाए मुख्यमंत्री निशंक ने अब सीधे उमेश और उनके परिजनों को शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का इरादा कर लिया है.

निशंक सरकार का महाघोटाला

: इस भाजपाई मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए :  अपने एक प्रिय की कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए निशंक ने उत्तराखंड की जनता और उत्तराखंड के सौंदर्य का सौदा कर डाला : नियमों को ताक पर रखकर उत्तराखंड को न्यूनतम 2500 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया :  निशंक के कोप के शिकार पत्रकार उमेश कुमार और उनकी न्यूज एजेंसी एनएनआई ने किया महाघोटाले का सनसनीखेज खुलासा : इस महाघोटाले पर उत्तराखंड की मीडिया मौन, लेकिन नेताओं ने मुंह खोलना शुरू कर दिया :

न्‍याय नहीं मिला, नौकरी जरूर चली गई

यूपी के लोगों हो जाओ सावधान। न्याय पाने की सोच रखकर अपनी फरियाद लेकर सूबे की मुख्यमंत्री से मिलने की गुस्ताखी न करना। कहीं  आपकी यह गुस्ताखी आप पर भारी न पड़ जाये। हम आपको बताना चाहते हैं कि इस समय यूपी की लोकशाही व्यवस्था देखकर राजशाही व्यवस्था भी शर्माती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री से मिलने की तमन्ना आपको जेल पहुंचा सकती है और यदि आप सरकारी नौकरी में रहकर चैन की रोटी खाते हैं तो आपकी नौकरी भी छीनी जा सकती है। औरैया दौरे पर गयी यूपी की सीएम मायावती से मिलने का प्रयास करना स्कूल की एक शिक्षामित्र को भारी पड़ गया।

ये माया मैम की जूती है, इसे चमकाओ

: शर्म करो यूपी के पुलिस वालों : अगर महिला सामान्य या गरीब घर की है, तो यूपी के पुलिस वाले, सिपाही से लेकर आईपीएस तक, उसे जेल या थाने में डालने से हिचकेंगे नहीं, बिना किसी जुर्म.

एमपी के सीएम की विजिट और एडीटरों की एडिटरी

मध्यप्रदेश के किसी मुख्यमंत्री ने पहली बार गणतंत्र दिवस पर ग्वालियर में तिरंगा फहराने का निर्णय लिया। इससे पहले किसी भी मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर ग्वालियर आकर तिरंगा नहीं फहराया। इस हिसाब से गणतंत्र दिवस पर ग्वालियर में तिरंगा फहराने वाले शिवराजसिंह मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए। चूंकि मुख्यमंत्री एक दिन पहले ही शाम को ग्वालियर आ गए थे, इसलिए उन्होंने समय का सदुयपयोग भी खूब किया।

मुख्यमंत्री ने संपादक को लताड़ा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जितने सरल स्वभाव वाले जाने जाते हैं, उतने ही कड़क भी हैं! इसका उदाहरण उस समय देखने को मिला जब उन्‍होंने एक संपादक की जमकर क्‍लास ले ली। पिछले दिनों जोधपुर में डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी थी। प्रशासन इस हड़ताल को रोकने में पूरी तरह से असफल साबित हुआ था। मुख्‍यमंत्री हड़ताल को समाप्‍त कर डाक्‍टरों से काम पर वापस लौटने की अपील की थी।