दैनिक जागरण के चार सौ से ज्‍यादा पत्रकार नाकारा!

: इस बार कंप्यूटराइज्ड तरीके से कर्मियों का एचआर ने किया मूल्‍यांकन : 10 से 25 फीसदी तक का इंक्रीमेंट मिला बाइस सौ पत्रकारों को : दैनिक जागरण समूह ने अपने पत्रकारों को 10 से 25 फीसदी तक का इंक्रीमेंट दे दिया है. यह लाभ समूह के करीब 22 सौ पत्रकारों को मिला है. कुल 28 सौ पत्रकारों वाले इस समूह के बाकी करीब छह सौ कर्मचारी इस लायक ही नहीं समझे गये कि उन्‍हें वार्षिक बढोत्‍तरी दी जा सके.

दैनिक जागरण के झूठ के खिलाफ धरना शुरू

पेड न्यूज के मामले में भद पिटा चुके दैनिक जागरण ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधान सभा और स्थानीय निकाय चुनावों में पैसे के बदले लोकप्रियता बेचने की मुहिम चला रहा है. नतीजा जनाक्रोश के रूप में सामने आ रहा है. जागरण की ब्लैकमेलर रणनीति का केंद्र बन चुके उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में लगभग आधा दर्जन संगठन जागरण के खिलाफ धरने पर जा बैठे हैं. धरने पर बैठे संगठनों ने जागरण पर कई तरह के आरोप लगाए हैं.

जागरण का न्यूज रूम इनपुट-आउटपुट में बंटा

: खबरें लाने वाले इनपुट हेड के अधीन होंगे: खबरें संपादित करने वाले व पेज बनाने वाले आउटपुट के हिस्से : कुशल कोठियाल उत्तराखंड का स्टेट हेड घोषित किए जाने की सूचना : दैनिक जागरण ने भी अब न्यूज चैनलों वाले सिस्टम को अपना लिया है. न्यूज रूम में दो विभाग होंगे. इनपुट और आउटपुट. खबरें लाने वाले लोग इनपुट में. खबरें संपादित कर पेजीनेशन करने वाले लोग आउटपुट में. इस सिस्टम को लागू करने की कवायद दैनिक जागरण में जोरों पर है.

‘मंथन’ में खबरों के धंधे पर कोई बात नहीं हुई

जागरण समूह के संपादकीय विभाग के वरिष्ठों की सालाना बैठक संपन्न हो गई। यह बैठक दो दिनों तक सूरजकुंड में चली। 30 सितंबर और एक अक्टूबर को चली इस बैठक का नाम दिया गया था- ‘मंथन 2009’। नाम से स्पष्ट है कि बैठक में संपादकीय विभाग के कामकाज को ठीक करने, नए चैलेंजेज पर बात करने, पाठकों से जुड़ाव को मजबूत करने और नई नीतियों पर विचार-विमर्श कर उसे लागू करने का दौर चला। बैठक से पहले ही हर किसी को बता दिया गया था कि उन्हें किन-किन विषयों पर प्रजेंटेशन देना है। किन विषयों पर अपनी बात रखनी है।