अरविंद तिवारी, जो इंदौर में दैनिक भास्कर के आधार स्तंभ माने जाते थे, ने पिछले दिनों भास्कर छोड़ दिया। अरविंद राजनीतिक व प्रशासनिक क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते थे। भास्कर में उन्होंने अनेक खबरें ब्रेक की। उनके भास्कर छोडऩे का बड़ा कारण इंदौर के संपादक अवनीश जैन से अनबन रहा। वे 1 जनवरी 2010 से भास्कर टीवी के संपादक के रूप में सेवाएं दे रहे थे। अब 1 मई से पत्रिका में नेक्सट टू एडीटर की भूमिका में समाचार समन्वयक का दायित्व संभाल रहे हैं।
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एक सब एडिटर का इस्तीफानामा
सचिन मिश्रा हाल-फिलहाल तक अमर उजाला, लखनऊ में सब एडिटर हुआ करते थे. वहां से इस्तीफा देकर दैनिक हिंदुस्तान, कानपुर में ज्वाइन कर लिया. अमर उजाला छोड़ते वक्त उन्होंने इस अखबार के मालिक अतुल माहेश्वरी को एक लंबा पत्र लिखा. पत्र के जरिए उन्होंने अमर उजाला, लखनऊ के स्थानीय संपादक अभिजीत मिश्रा की शिकायत कर डाली. लोग कहते हैं कि अशोक पांडेय अमर उजाला, लखनऊ से गए हैं तो उनके करीबी लोग अभिजीत मिश्रा पर तरह-तरह के आरोप लगाकर संस्थान छोड़ रहे हैं और वे लोग फिर से अशोक पांडेय के साथ हिंदुस्तान में जुड़ रहे हैं. दूसरी ओर, यह भी कहा जा रहा है कि अभिजीत मिश्रा ने आरई की कुर्सी संभालते ही पूर्व आरई अशोक पांडेय के करीबी लोगों को टारगेट कर परेशान करना शुरू कर दिया जिसके कारण एक-एक कर ये लोग संस्थान छोड़कर जा रहे हैं. दोनों पक्षों में कौन सही है, कौन गलत है, ये तो किसी बड़ी जांच से ही पता चल सकता है लेकिन फिलहाल हम यहां सचिन मिश्रा के इस्तीफेनामे को पब्लिश कर रहे हैं ताकि पता चल सके कि उन्हें क्या, किससे व किस तरह की शिकायत है.
-एडिटर
इस्तीफानामा : आशा है परेशानी कम होगी

अंचल सिन्हा जब तक बैंक की नौकरी करते हुए शौकिया तौर पर पत्रकारिता करते थे, उन्हें यह पढ़े-लिखों, विचारवानों और सरोकारों की दुनिया समझ में आती थी।
एक स्ट्रिंगर का इस्तीफानामा
((जी न्यूज और जी यूपी के यूपी के फर्रूखाबाद जिले के रिपोर्टर / स्ट्रिंगर पंकज दीक्षित ने भरे मन से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 7 अप्रैल को इस्तीफा देने संबंधी एक लंबा-चौड़ा पत्र जी न्यूज के एचआर विभाग को भेजा। यह पत्र भड़ास4मीडिया के भी हाथ लगा है। पंकज द्वारा भेजे गए इस्तीफे को पढ़ने के बाद चैनल के अंदर चलने वाली कहानी और एक जिनुइन पत्रकार की पीड़ा को समझा जा सकता है। -संपादक))
इस्तीफानामा- 3 : मृणाल जी, जा रहा हूं !
मशहूर खेल पत्रकार पदमपति शर्मा के इस्तीफेनामे के पहले व दूसरे भाग के बाद पेश है तीसरा और अंतिम भाग…
”अजय जी से पहली मुलाकात में ही मैंने स्पष्ट कर दिया था कि स्थानीय संपादक पद में मेरी कभी भी रुचि नहीं रही है। मेरी तो यही कामना है कि जब मरूं तो लोग कहें कि देखो, वह खेल वाले पदमजी का शव जा रहा है। हां, चूंकि खेल डेस्क को मास्टर पेज सभी संस्करणों के लिए बनाने हैं, अतः स्वायत्तशासी डेस्क हो। खेल प्रभारी सीधे संपादक से जुड़ा रहेगा।
इस्तीफानामा- 2 : दिल्ली-बनारस वाया लखनऊ
मशहूर खेल पत्रकार पदमपति शर्मा के इस्तीफेनामे के पहले भाग से ठीक आगे पढ़ें, दूसरा भाग—
यहां मैं यह भी स्पष्ट कर दूं कि यह सही है कि मैं और अजय जी एक ही नगर में पैदा हुए और वहीं करियर भी शुरू किया। परंतु मेरी उनसे पहली मुलाकात हिंदुस्तान टाइम्स के दफ्तर में ही हुई थी। अजय जी ने अपना करियर 1983 में आज अखबार से शुरू किया जबकि मैं 1981 में ही आज छोड़कर जागरण में जा चुका था। मुझे तो हिंदुस्तान वाराणसी के सीनियर प्रबंधक श्री यादवेश कुमार ने फोन पर अग्रवाल साहब का संदेश दिया कि मैं जाकर अजय उपाध्याय से मिलूं।
इस्तीफानामा- 1 : देबू और वेंगी प्रकरण
भड़ास4मीडिया पर पदमजी का संपूर्ण इस्तीफानामा जल्द की सूचना आनलाइन करने के 24 घंटे के भीतर ही इस्तीफानामा पेश किया जा रहा है। हिंदी पत्रकारिता के लिए यह इस्तीफानामा एक ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह है जिसमें कई बड़े नाम आएंगे और उनसे जुड़े कुछ प्रकरणों का भी खुलासा होगा। यहां यह बता दें कि अजय उपाध्याय के दैनिक हिंदुस्तान से जाने और मृणाल पांडे के बतौर प्रधान संपादक दैनिक हिंदुस्तान आने के ठीक बाद 26 अप्रैल 2002 को यह इस्तीफा सौंपा गया था। तो लीजिए, मशहूर खेल पत्रकार पदमपति शर्मा के संपूर्ण और असंपादित इस्तीफेनामे का पहला भाग….