: कुबराडीह की चिट्ठी गणतंत्र के नाम : हां, प्यारे गणतंत्र, तुम्हारे समृद्धि के ये वाहक विश्वनाथ, सिंगारी और गंगिया पिछले कुछ सालों में बेकारी और भूख से मर गये : मेरे प्यारे गणतंत्र, एक बात जरूर याद रखना… गांवों से अगर तुमने रिश्ता तोड़ा है तो सूट तुम भले ही जितने अच्छे पहन लो लेकिन तुम्हारी पीठ पर कुबराडीह का कूबड़ हमेशा दिखाई देता रहेगागा, वैसे, सालगिरह की फिर बधाई… :