” हेड महोदय पैसा नहीं मिला तो कल से काम बंद”

छोटे-छोटे चैनलों के स्ट्रिंगर किन हालातों से गुजर रहे हैं, ये शायद लाखों की सेलरी पाने वाले उनके संपादकों को पता नहीं है. बड़े मंचों पर बड़ी भाषणबाजियां करने वालों के लिए आर्यन टीवी के इन स्ट्रिंगरों का दर्द एक सबब हो सकता है. जो दिन-रात चैनल के लिए मेहनत करते हैं परन्‍तु चैनल को उनके सुख-दुख से कुछ भी लेना देना नहीं होता है. चैनल प्रबंधन के रवैये से स्ट्रिंगर परेशान हैं.