तो आवभगत स्वीकार करते ही क्यों हैं पत्रकार?

सोमवार को अजमेर के केकड़ी कस्बे में ”शुद्ध के लिए युद्ध अभियान” के दौरान एक फर्म के विरुद्ध की गई रसद विभाग की कार्यवाही के दौरान फर्म मालिक और मीडिया कर्मियों के बीच खबर उजागर न करने को लेकर नौंक-झौंक हो गई। असल में हुआ ये कि जैसे ही मीडियाकर्मियों को पता लगा कि रसद विभाग का दल वहां पहुंच रहा है तो वे भी वहां रिपोर्टिंग करने को पहुंच गए। फर्म मालिक ने सभी की खूब आवभगत की और स्वागत-सत्कार किया।

संघियों ने मीडियावालों को उनकी औकात बता दी

: वे हमें दुत्कारते रहे, हम पूंछ हिलाते रहे : अजमेर के इतिहास में बीते पांच दिन पत्रकारिता और पत्रकारों के लिए बेहद शर्मनाक गुजरे। देश को दिशा देने की बात करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत अजमेर में रहे, अनेक बैठकें कीं, अनेक संभ्रांत लोगों से मिले, अच्छी-अच्छी आदर्शपूर्ण बातें की, मगर एक बार भी प्रेस से मुखातिब नहीं हुए। कितने दुर्भाग्य की बात है कि इस राष्ट्रवादी संगठन ने कथित देश हित की खातिर अनेक मंत्रणाएं कीं पर मीडिया को गांठा तक नहीं।