क्या किसी लड़की के साथ इससे भी ज्यादा बुरा हो सकता है!

मीडिया से सीधे तौर पर जुड़ने के बाद रेप, मर्डर, चोरी, धोखाधड़ी की खबरें बहुत ज्यादा चौंकाती नहीं हैं। कन्ट्रोल रूम में बैठकर हर रोज ऐसी ही बातें सुनने, लिखने और बांचने लगी हूं। कभी 70 साल की वृद्धा के साथ बलात्कार.. फिर लूट तो कभी 2 साल की मासूम के साथ रेप के बाद कत्ल। कभी कुछ तो कभी कुछ… पहले अफेयर वर्ड सुनकर भी कान खड़े हो जाते थे पर अब तेजाब फेंकने की घटना भी कॉमन लगने लगी है…