महान पत्रकारों के प्रधानमंत्री से महान सवाल

[caption id="attachment_19574" align="alignleft" width="93"]कमल शर्माकमल शर्मा[/caption]प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घोटालों से देश की छवि खराब होने को लेकर आज टीवी चैनलों के संपादकों को बुलाया ता‍कि वे अपनी बात को आम जन तक पहुंचा सकें। प्रधानमंत्री का कहना था कि उनकी सरकार 2जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खेलों, इसरो और आदर्श घोटालों के संदर्भ में सभी दोषियों, चाहे वह किसी भी पद पर हों, को कानून में दायरे में लाने को लेकर गंभीर है। उन्‍होंने 1.76 लाख करोड़ के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में 2007 में ही ए राजा को पत्र लिखकर चिंता जताई थी।

अब हर क्रिसमस आंखों में आंसू भर देगी

[caption id="attachment_14886" align="alignleft"]कमल शर्माकमल शर्मा[/caption]अशोक, हम तुम्‍हें भुला न पाएंगे :  एक समय में ईटीवी, मध्‍य प्रदेश डेस्‍क पर काम करने वाले रजनीशकांत का मुझे तकरीबन ढाई बजे के करीब एसएमएस आया। पढ़ा तो धक्‍क रह गया। फिर पढ़ा, फिर पढ़ा…. कम से कम पांच सात बार पढ़ लिया झटपट-झटपट। अशोक उपाध्‍याय…. यह तो वे नहीं होंगे जो ईटीवी में मेरे बिजनेस डेस्‍क इंजार्च के रूप में काम करते हुए मित्र बन गए। खुद मैं अपने मन से बात करने लगा कि यार ये अशोक उपाध्‍याय हैदराबाद वाले ही हैं क्‍या या कोई और? रजनीशकांत को ही फोन लगाया, पूछा… ये अपने अशोक जी ही हैं या कोई दूसरे? उसने बताया- सर अपने अशोक जी ही नहीं रहे। तुरंत दिल्‍ली में इंडिया टीवी में कार्यरत भानु प्रकाश को फोन लगाया। भानु प्रकाश को इस नाम से जानता कौन है… उनका नाम तो सभी ने बाबा कर रखा है। तो… यह कह लीजिए बाबा को फोन लगाया- बाबा, ये बुरी खबर क्‍या है अशोक जी के बारे में। उन्‍होंने बताया- सर, सुबह ही पता चला।