गासिप- राज चेंगप्पा लेंगे एमजे अकबर की जगह!

भाई लोग लगता है एमजे अकबर को इंडिया टुडे से विदा करा के ही मानेंगे. एक सज्जन ने भड़ास4मीडिया को एक मेल भेजकर लगभग भविष्यवाणी कर दी है कि एमजे अकबर की जगह इंडिया टुडे के नए एडिटर इन चीफ के रूप में राज चेंगप्पा ज्वाइन करने वाले हैं. राज चेंगप्पा पहले भी इंडिया टुडे में वरिष्ठ पद पर रहे हैं. इन दिनों वे द ट्रिब्यून, चंडीगढ़ के एडिटर हैं.

एमजे अकबर का कांट्रैक्ट खत्म होने वाला है!

एमजे अकबर को लेकर मीडिया में अटकलों का दौर शुरू हो गया है. एमजे अकबर ने जब इंडिया टुडे समूह ज्वाइन किया था, तब भी एक कोने से यह चर्चा उड़ायी गई थी कि वे बस दो तीन महीने के मेहमान हैं. अब फिर उनको लेकर चर्चा फैलाई गई है कि एमजे अकबर का कार्यकाल इस माह खत्म हो रहा है, उनका एक साल का कांट्रैक्ट था, जो इसी अक्टूबर में खत्म हो रहा है.

तो इसलिए कनिमोझी की वकालत कर रहे थे एमजे अकबर!

पिछले दिनों भड़ास4मीडिया पर इंडिया टुडे में प्रकाशित एमजे अकबर का संपादकीय प्रकाशित किया गया था, जिसके जरिए पाठकों को बताया गया कि किस तरह एक बड़े नाम वाला संपादक एमजे अकबर अपने करियर के उत्तरार्ध में आकर भ्रष्टाचारियों पर रहम किए जाने की कुतार्किक वकालत कर रहा है. उस लेख को आप इस हेडिंग… एमजे अकबर बेशर्मी से कर रहे हैं कनिमोली की वकालत…. पर क्लिक करके फिर से पढ़ सकते हैं.

एमजे अकबर बेशर्मी से कर रहे हैं कनिमोली की वकालत!

इण्डिया टुडे के ताज़ा अंक में एमजे अकबर का जो संपादकीय छपा है, उसमें उन्होंने बड़ी बेशर्मी से कनिमोली को जेल से छोड़े जाने की वकालत की है. भड़ास4मीडिया के एक पाठक ने एमजे अकबर द्वारा लिखित संपादकीय को टाइप कराकर भडा़स के पास भेजा है. इसे यहां प्रकाशित किया जा रहा है. आप भी पढ़ें और बताएं कि क्या वाकई इस आलेख से यह मैसेज निकलता है कि एमजे कनिमोली को जेल से छोड़े जाने की बात कह रहे हैं. -एडिटर

‘अमर टेप’ में ये कौन वाले अकबर हैं, एमजे अकबर वाले अकबर या कोई और अकबर?

: इस टेप में अमर सिंह ने सहारा समूह के वर्क कल्चर की पोल खोली है : अमर सिंह के जो टेप जारी हुए हैं, उनमें एक से बढ़कर एक रहस्य भरे हुए हैं. इन रहस्यों पर से पर्दा कोई नहीं उठा रहा है. ज्यादातर वक्त बिपाशा और टांगों की बात हुई या फिर कुछ एक जेपी गौड़ या फिर मुलायम आदि की. इन टेपों में मीडिया से जुड़ी कई हस्तियों के बारे में भी चर्चा है. प्रभु चावला तो खुलेआम एक टेप में अमर सिंह से गिड़गिड़ाकर हाथ जोड़कर माफी मांग रहे हैं.

प्रभु चावला के बारे में अरुण पुरी का मेल

: प्रभु चावला का आज अंतिम कार्य दिवस होगा : एमजे अकबर का कद और काम बढ़ा : इंडिया टुडे हिंदी और अंग्रेजी वाले एमजे अकबर को रिपोर्ट करेंगे : मेल से कई तरह के बदलावों की आहट सूंघ रहे हैं लोग : To: All, Fm: Aroon Purie, Dear All : After a long career spanning 14 years in his second stint with the Group, Mr Prabhu Chawla has decided to move on and his last working day will be Friday, December 17, 2010.

प्रभु चावला इंडिया न्यूज के एडिटर इन चीफ बनेंगे?

: एमजे अकबर को तोड़ ले जाने का बदला आजतक से लेना चाहते हैं विनोद शर्मा : दिल्ली में एक चर्चा बहुत तेज है. वो ये कि प्रभु चावला टीवी टुडे ग्रुप को टाटा बाय बाय करने वाले हैं और जल्द ही विनोद शर्मा वाली कंपनी में एडिटर इन चीफ बनकर आने वाले हैं. जिस तरह एमजे अकबर इंडिया न्यूज समूह के एडिटर इन चीफ बने थे लेकिन महीने-दो महीने में ही इस कंपनी को छोड़कर आजतक समूह के साथ जुड़ गए, उससे विनोद शर्मा और उनके पुत्र कार्तिक शर्मा बेहद आहत हुए. इसका बदला वे लोग प्रभु चावला को आजतक से तोड़कर अपने यहां ज्वाइन कराकर लेना चाहते हैं. अगर इंडिया न्यूज का एडिटर इन चीफ आजतक में बड़े पद पर जा सकता है तो आज तक में बड़े पद पर कार्यरत शख्स इंडिया न्यूज में एडिटर इन चीफ क्यों नहीं हो सकता.

ये है अरूण पुरी का आंतरिक ई-मेल

एमजे अकबर को इंडिया टुडे और हेडलाइंस टुडे का एडिटोरियल डायरेक्टर बनाए जाने और प्रभु चावला को इंडिया टुडे मैग्जीन के गैर-अंग्रेजी संस्करणों का प्रभारी बनाए जाने संबंधी जो ईमेल ग्रुप के एडिटर इन चीफ अरूण पुरी ने जारी किया, उसकी एक प्रति भड़ास4मीडिया के भी पास है. पेश है, अरूण पुरी के मेल के प्रमुख अंश-

एमजे अकबर लांच कराएंगे बिहार केंद्रित चैनल

बिहार चुनावों के मद्देनजर बहुत जल्द इंडिया न्यूज का बिहार-झारखंड न्यूज चैनल लांच किया जाने वाला है. इसकी जिम्मेदारी नए बने एडिटर इन चीफ एमजे अकबर उठा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक एमजे अकबर ने पटना में कई लोगों के इंटरव्यू किए हैं.

राडिया दुनिया की सबसे कुख्यात दलाल

[caption id="attachment_17437" align="alignleft" width="82"]एमजे अकबरएमजे अकबर[/caption]80 के दशक में कांग्रेस की छवि चौपट करने वाला बोफोर्स घोटाला 64 करोड़ रुपयों का था, इसकी तुलना में यह 2जी घोटाला 60 हजार करोड़ रुपयों से अधिक का बताया जा रहा है यानी बोफोर्स से हजार गुना : मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी को घोटाले के बारे में पता था, लेकिन सरकार की बदनामी के डर से वे चुप्पी साधे रहे :