कौन बनेगा पीएम : नहीं जनाब! मोदी बनाम नीतिश में होगी जंग

आलोक कुमारराहुल गांधी बनाम नरेन्द्र मोदी। ना जाने कहां से इस सियासी जुमले का प्रादुर्भाव हो गया। जबकि साफ दिख रहा है कि भावी प्रधानमंत्री के लिए असली लडाई तो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के बीच छिड़ी है। फिर न जाने क्यों नकली भूत बनाकर राहुल गांधी को खडा कर दिया गया। नरेन्द्र मोदी और नीतिश कुमार अखाड़ा में आमने-सामने हैं।

हिंदुस्तान, पटना के पच्चीस बरस होने पर नीतीश सरकार ने की विज्ञापनों की बरसात

बिहार की मीडिया पर आरोप लगता रहा है कि वह नीतीश सरकार के ‘सुशासन’ में घटने वाली नकारात्मक घटनाओं को उस तेवर के साथ नहीं उठाती जिस तेवर से उठाना चाहिए। इन सबके पीछे वजह नीतीश सरकार के मीडिया मैनेजमेंट को माना जाता है। इस मैनेजमेंट के तहत सरकारी विज्ञापन देकर बिहार की मीडिया को अपनी ओर कर लेने और सरकार के खिलाफ खबरों पर विराम लगा देना या केवल सकारात्मक खबरें ही छपवाना… जैसे काम होते हैं।

यही हाल रहा तो बिहार में पत्रकार और पत्रकारिता पर कोई यकीन नहीं करेगा

: फारबिसगंज पुलिस गोलीबारी का अखबारी कवरेज- एक पोस्टमार्टम : एक तरफ बाबा रामदेव के अनशन स्थल पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की तुलना विपक्षी दल आपातकाल के दमन से कर रहे थे, दूसरी ओर बिहार में छपने वाले हिंदी अखबार भी इमरजेंसी के काले दिनों की याद दिला रहे थे. मगर बाबा के बहाने नहीं, फारबिसगंज में पुलिस गोलीबारी की रिपोर्टिंग के आइने में.

जब नीतीश को लगी मिर्ची, बोले-ये आई नेक्स्ट क्या है?

आज मुख्यमंत्री का जनता दरबार था. इसके बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जब आई-नेक्स्ट के रिपोर्टर उज्जवल ने उनसे दो सवाल पूछे तो वो तिलमिला गए. उज्जवल ने पूछा क़ि बिहार में बिजली संकट का कोई समाधान क्यों नहीं निकल पा रहा तो नीतीश कुमार ने इसका गोल-मटोल जवाब दे दिया. कहा कि बिजली केंद्र से ही नहीं मिल पा रही है. ऐसे में बिहार सरकार कुछ नहीं कर सकती. जब उज्जवल ने दूसरा सवाल पूछा तो नीतीश तिलमिला गए. उन्हें दूसरा अखबार पढ़ कर आने क़ि नसीहत दे डाली.

तहलका मैग्जीन की ये कौन सी मानसिकता है?

: लालू को टाप टेन महानायकों में से एक बताया और नितिश कुमार को सूची से बाहर रखा : दिल्ली से प्रकाशित एक जानी-मानी हिन्दी की पत्रिका ने बिहार के दस नायकों के ऊपर एक बड़ी सी स्टोरी की है. पत्रिका का नाम है, तहलका.  इस पत्रिका ने अपनी इस स्टोरी में बिहार में दो बार से मुख्यमंत्री नितिश कुमार को जगह नहीं दी. जबकि ये सर्वविदित है कि नितिश कुमार बिहार में नया इतिहास लिख रहे हैं. नितिश इस राज्य में विकास पुरुष की तरह उभरे हैं और देखते ही देखते समूचे देश में छा गए हैं.

अक्कू श्रीवास्तव से नाराज चल रहे हैं नीतीश!

हिंदुस्तान, पटना के संपादक अक्कू श्रीवास्तव आजकल बहुत परेशान चल रहे हैं। परेशानी का कारण यह है कि उन्हें विगत कुछ दिनों से नीतीश कुमार का कोप झेलना पड़ रहा है और अक्कू जी आजकल नीतीश कुमार को खुश करने के लिये जी जहान एक किये हुये हैं. बात शुरू होती है नीतीश कुमार की माता जी की श्रद्धांजली सभा वाले दिन से. उस दिन हिंदुस्तान के पटना नगर संस्करण में  “बिहार में जंगल राज्य” के शीर्षक से एक समाचार छपा.

नीतीश लिख रहे हैं पत्रकारिता की नई इबारत

बिहार में पत्रकारिता की नई इबारत अब साफ-साफ़ दिखाई देने लगी है। पत्रकारिता में इस नई इबारत के लिखने की शुरुआत ठीक उसी वक्त हुआ था जिस वक्त बिहार में लालू प्रसाद यादव के पंद्रह साल के साम्राज्य का ख़ात्मा हुआ था और नीतीश कुमार ने बिहार में सत्ता संभाली थी।

Media’s double standards exposed in following rape stories in Bihar, UP

: Patna, (BiharTimes) : A very funny thing happened with television journalism in India on January 13. Several national channels took the Uttar Pradesh chief minister, Mayawati, to task for not expelling from the party the MLA arrested on the charge of raping a 17-year old girl belonging to the Nishad community, an extremely backward caste.

नीतीश जी, क्या यही है आपका सुशासन!

नीतीशआदरणीय नीतीश जी, आपका सुशासन पूरे देश में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। टेलीविजन चैनल वाले आपको सम्मानित कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि आपने पिछले पांच सालों में बिहार में कानून का राज स्थापित किया है और दूसरी ओर आप ही के पार्टी के विधान पार्षद हैं , जो एक करोड़ रुपये रंगदारी मांगते फ़िर रहे हैं। आखिर एक साथ दो कमाल आप किस प्रकार कर पा रहे हैं, इसका राज तो केवल आप ही जानते हैं या फ़िर हम मीडिया वाले।

नीतीश ने किया पत्रकार सुबोध के पुस्‍तक का लोकार्पण

: बिहार की संस्‍कृति को समेटे हुए है ‘बिहार के पर्यटन स्‍थल और सांस्‍कृतिक धरोहर’ : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना पुस्तक मेला में हिन्दुस्तान, पटना के पत्रकार सुबोध कुमार नन्दन द्वारा लिखित पुस्तक ‘बिहार के पर्यटन स्थल और सांस्कृतिक धरोहर‘ का लोकार्पण किया। प्रभात प्रकाशन (नई दिल्ली) द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में बिहार की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व सामाजिक धरोहरों को सजीव प्रस्तुति करने के साथ ही बिहार के मेले, पर्व-त्योहारों, लोक चित्रकला, लोक-नृत्यों के साथ सूबे के पारंपरिक व्यंजनों का जिक्र अत्यंत ही सरल, सहज और प्रभावशाली शब्दों में किया गया है।