राष्ट्रपति बराक ओबामा इस उम्मीद से खुश थे कि ओसामा बिन लादेन को निपटाने के बाद उनकी रेटिंग में सुधार होगा और अगले चुनाव में वे पूरे हौसले के साथ उतर सकेंगे। खुशी में वे बल्लियों उछल रहे थे और तमाम अफसरों को बुला-बुलाकर बातें कर रहे थे। मगर कुछ अफसरों से मिलने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि वे बहुत खुश नहीं हैं, जितना होना चाहिए बल्कि तनाव में दिख रहे हैं।
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वे मुझे मार सकते हैं पर जिंदा नहीं पकड़ सकते : ओसामा बिन लादेन
“मैं एक अमीर बाप का बेटा था. दूसरे अमीर शहजादों की तरह मैं भी यूरोप और अमरीका में जिंदगी के मजे उड़ा सकता था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. मैंने हथियार उठाए और अफगानिस्तान की पहाड़ियों में भटकता रहा. क्या इसमें मेरा कोई अपना स्वार्थ है कि मैं अपनी जिंदगी के हर पल को मौत के साए में गुजारूं? नहीं, मैंने उन लोगों के लिए जिहाद छेड़ा है, जिन पर हमले होते हैं. ऐसा करके मैंने अपने मजहबी दायित्व का निर्वहन किया है.
सारी दुनिया के सामने इस्लामाबाद के सारे खेल का खुलासा
: पाकिस्तान की और फजीहत अभी बाकी है : आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के साथ जहां पश्चिमी दुनिया में खुशी की लहर है, वहीं आने वाले वक्त में अमेरिकी रुख के और उत्साहित और आक्रामक होने के आसार हैं. वाशिंगटन ने पिछले एक साल से इस बाबत संकेत देने भी शुरू कर दिए थे लेकिन पिछले महीने से और खासकर कुछ दिनों पूर्व से ऐसी संभावना थी कि जल्दी ही खुफिया सूचनाओं के आधार पर कुछ बड़ा घटित होने वाला है.
अमरीकियों के नाम लादेन का आख़िरी पैग़ाम
[caption id="attachment_20328" align="alignleft" width="94"]मुकेश कुमार[/caption]आधी रात के वक्त जब अमरीकी फौजों ने ओसामा बिन लादेन के सिर पर बंदूकें तान दी थीं, तो लादेन वीडियो रिकार्डिंग ख़त्म करके सोने की तैयारी कर रहा था। आईएसआई ने उसे पहले ही बता दिया था कि उसका खेल ख़त्म हो चुका है, क्योंकि सीआईए के दबाव में आख़िरकार उसे बताना पड़ गया है कि उसने लादेन को कहाँ छिपा रखा है। आईएसआई से ख़बर मिलने के बाद ओसामा ने फौरन अपने वीडियोग्राफर को बुलाया और अपनी आख़िरी रिकार्डिंग करवाई।
एनडीटीवी वालों ने तो ओबामा के सिर में गोलियां उतार दी
जल्दबाजी में गल्तियां हो जाया करती हैं. लेकिन एनडीटीवी वालों से ये उम्मीद नहीं रखते कि वे इतनी बड़ी गल्ती प्रसारित कर देंगे. एनडीटीवी जैसे बड़े मीडिया संस्थानों में किसी काम को फाइनल टच देने से पहले कई लोग उसे चेक करते हैं, ओके करते हैं. तो क्या, सब के सब अंधे हो गए थे. लगता तो ऐसा ही है.
जीता कोई भी हो, हारा पाकिस्तान ही है
करीब 10 साल की कोशिश के बाद अमरीका ने ओसामा बिन लादेन को मार डाला. पूरी दुनिया में आतंक का पर्याय बन चुके ओसामा बिन लादेन को अमरीका ने ही बन्दूक के रास्ते पर डाला था और उसका इस्तेमाल किया था. जब पाकिस्तान में जनरल जिया उल हक का राज था तो अमरीका ने अफगानिस्तान में घुस आये सोवियत फौजियों को भगाने के लिए जो योद्धा तैयार किये थे, ओसामा बिन लादेन उसके मुखिया थे.
पाकिस्तान के लिए अब यूजलेस था ओसामा बिन लादेन
ओसामा का मारा जाना – और जिस तरीके से मारा गया है वह तो भारत के लिये सर्वाधिक चिंतनीय विषय है.. अमेरिका के राष्ट्रपति ओसामा को पाताल से ढूंढकर भी मारने की बात कह चुके थे, सो ओसामा को तो मारा जाना था ही. इस कड़ी में पाकिस्तान में छिपे ओसामा की तगड़ी घेरेबंदी कई वर्षों से की जा रही थी.
क्या ये वही अमेरिकन हैं जिनसे मैं मिली थी
[caption id="attachment_20320" align="alignleft" width="122"]ओसामा बिन लादेन[/caption]अभी कुछ दिनों पहले अमेरिका से लौटी हूँ और वहाँ के लोगों की कई सारी बातों से बहुत अधिक प्रभावित भी हुई हूँ. उन लोगों की कर्तव्यनिष्ठा, कार्य के प्रति लगन, अनुशासन के प्रति लगाव, नियमों का पालन करने की प्रवृत्ति, आम तौर पर दूसरे लोगों के साथ व्यवहार- यह सब देख कर सचमुच बहुत अच्छा लगा था.
अमरीका पाकिस्तान में घुसकर लादेन को मार सकता है तो हम दाऊद को क्यों नहीं निपटा सकते?
अमरीका ने आतंकवादी लादेन को, अतंकवाद के घर पाकिस्तान में घुसकर मार गिराया। यह खबर आज (02 मई, 2011) की सबसे बड़ी खबर है। भारत में इस खबर के बाद केन्द्र सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है और न्यूज चैनलों पर लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील की जा रही है। जबकि इसके ठीक विपरीत अमरीका में यह आलेख लिखे जाने तक लादेन की हत्या का जश्न मनाया जा रहा है।
ओबामा को न्यूज चैनलों ने खूब ठोका सलाम
: Obama sweeps the prime time coverage : Obama Grabs Maximum Prime Time Coverage Among Foreign Heads : The three day visit of US President Barack Obama to India received more prime time TV news coverage than any foreign heads of the states who visited India and even more coverage than Indian Prime Minister’s visit to any foreign countries, according to a study.
ओबामा का इंटरव्यू करने का गौरव पीटीआई के ललित के झा को मिला
[caption id="attachment_18454" align="alignleft" width="94"]ललित के झा[/caption]अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे से पहले मीडिया सर्किल में एक चर्चा बहुत सरगर्म थी कि आखिर वो कौन भाग्यशाली भारतीय पत्रकार होगा जिसे ओबामा का इंटरव्यू करने का सौभाग्य प्राप्त होगा. कुछ का कहना था कि प्रिंट इंटरव्यू के लिए टाइम्स आफ इंडिया को मौका मिल रहा है और टीवी इंटरव्यू के लिए एनडीटीवी को. यह भी चर्चा थी कि वरिष्ठ भारतीय पत्रकारों को एक-एक कर ओबामा अपना इंटरव्यू देंगे. पर फिलहाल बाजी मारी है समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया (पीटीआई) के मुख्य अमेरिकी संवाददाता ललित के झा ने.