भोजपुरी सिनेमा को नहीं मिल रहा उसका हक

: द संडे इंडियन और आईसीएमआर ने किया भोजपुरी सिनेमा पर सर्वे :  भारतीय सिनेमा के क्षितिज पर भोजपुरी सिनेमा का उदय हुए 50 साल गुजर गये. पर आज भी भोजपुरी सिनेमा कई प्रकार के संघर्षों के दौर से गुजर रहा है. भोजपुरी में दर्शक हैं, यानी बाजार है. एक बड़ा बाजार. कई राज्यों में फैला हुआ. कई देशों में पसरा हुआ. बिहार-यूपी को छोड़िये, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और गुवाहाटी से लेकर पंजाब तक भोजपुरी फिल्मों के दर्शक हैं. भारत के अलावा नेपाल, मॉरीशस, नीदरलैंड्स, फिजी, सूरीनाम, गुयाना आदि देशों में भी पर्याप्त दर्शक हैं. इतना बड़ा बाजार भोजपुरी के अलावा केवल हिंदी का है.