ये नकली कप है भारतीयों, अब पवार साहब से पूछो

हम खबरचियों के पास एक सनसनीखेज खबर है। हममें से कोई कहता है कि शुरूआत प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया यानी पीटीआई से हुई तो किसी का दावा है कि सबसे पहले उसने बताया। पता नहीं कौन है सही, लेकिन खबर ये है कि विश्व विजेता भारतीय टीम को असली नहीं, बल्कि रिप्लिका कप मिला। क्यों हुआ ऐसा? खबर है कि मुंबई हवाई अड्डे पर कस्टम ड्यूटी नहीं चुकाने की जिद्द की वजह से असली कप एयरपोर्ट के वेयरहाउस में भेज दिया गया।

पवार, देशमुख के बाद भुजबल भी पत्रकारों से खफा

: मीडिया को राज्‍य के विकास में बाधक बताया : महाराष्‍ट्र में अब नेताओं को मीडिया के चलते परेशानी होने लगी है. बिलासराव देशमुख और अजित पवार के बाद राज्‍य के सार्वजनिक निर्माण मंत्री छगन भुजबल भी मीडिया को विकास योजनाओं में बाधक बता डाला. मीडिया की कार्यशैली की जमकर खिल्‍ली उड़ाई. भुजबल ने कहा कि नई औद्योगिक परियोजनाओं पर सवाल उठाने वाली मीडिया के चलते उद्यो‍गपति अब महाराष्‍ट्र में परियोजनाएं लगाने से कतराने लगे हैं.

पंवार ग्रुप एडिटर और ठाकुर मेट्रो एडिटर बने

देशपाल सिंह पंवारदेशपाल सिंह पंवार ने हरिभूमि, रायपुर के स्थानीय संपादक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नई पारी डेली न्यूज एक्टिविस्ट (डीएनए), लखनऊ के साथ ग्रुप एडिटर के रूप में शुरू की है। पंवार राष्ट्रीय सहारा, पटना के आरई रह चुके हैं। उन्होंने हिंदुस्तान, बनारस व पटना में शीर्ष पदों पर काम किया। वे हिंदुस्तान संग 6 साल और अमर उजाला संग 12 साल तक रहे। मेरठ के किसान परिवार में जन्मे पंवार ने करियर की शुरुआत ‘विश्व मानव’ और ‘दून दर्पण’ से की। खरे-बेबाक स्वभाव और लेखन के लिए मशहूर पंवार का हिंदुस्तान, पटना में साप्ताहिक कालम ‘कड़वा सच’ काफी लोकप्रिय हुआ। बाद में इन लेखों को किताब के रूप में प्रकाशित किया गया।