कौन बनेगा पीएम : नहीं जनाब! मोदी बनाम नीतिश में होगी जंग

आलोक कुमारराहुल गांधी बनाम नरेन्द्र मोदी। ना जाने कहां से इस सियासी जुमले का प्रादुर्भाव हो गया। जबकि साफ दिख रहा है कि भावी प्रधानमंत्री के लिए असली लडाई तो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के बीच छिड़ी है। फिर न जाने क्यों नकली भूत बनाकर राहुल गांधी को खडा कर दिया गया। नरेन्द्र मोदी और नीतिश कुमार अखाड़ा में आमने-सामने हैं।

प्रधानमंत्री अखबार के सम्‍पादकों के सामने तोड़ेंगे अपनी चुप्‍पी

महत्वपूर्ण मुद्दों पर कथित संवादहीनता के लिए सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं, मीडिया और अपनी पार्टी के कुछ सदस्यों का निशाना बनने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मीडिया के साथ बातचीत करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बुधवार को कुछ वरिष्ठ सम्पादकों से मुलाकात करेंगे. पीएम के मीडिया सलाहकार हरीश खरे ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और संपादकों के समूहों के साथ बातचीत का यह तरजीही तरीका होगा.

”अमूल बेबी” के बोल कब फूटेंगे

[caption id="attachment_20539" align="alignleft" width="94"]भूमिका रायभूमिका राय[/caption]: रामदेव से लेकर अन्ना और भाजपा तक को कुछ न कुछ मिला… हर बार की तरह इस बार भी ठगी गई सिर्फ जनता : एक बार फिर जनता ठगी-सी खड़ी है. अवाक है और परेशान भी। अवाक, क्योंकि जिन हाथों में उसकी सुरक्षा का दायित्व था, उन्हीं हाथों से उसे ज़ख्म मिले हैं और परेशान इसलिए, कि आखिर वो जाए तो जाए कहां?

अन्ना ने खाया धोखा पर होगी बाबा की जीत

आलोक कुमार: स्वामी रामदेव के आगे केंद्र सरकार के सारे दांव विफल होते नजर आ रहे हैं : रामदेव के आंदोलन में है लोहिया की खुशबू : योग गुरू रामदेव हठयोग की वैभवकारी मुद्रा में हैं। बाबा की मुद्रा से सियासी कुर्सी की चूलें हिली हुई है। सत्याग्रह का दायरा अन्ना हजारे की तुलना में व्यापक है।

ये खबर सही है तो टीवी वालों को पीएम को दौड़ा लेना चाहिए

हिंदुस्तान अखबार में अंदर के पेज पर निर्मल पाठक की लिखी एक स्टोरी छपी है. इसमें उन्होंने बताया है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह टीवी जर्नलिस्टों से बहुत नाराज हैं और इसी कारण वे अपनी विदेश यात्रा में टीवी वालों को नहीं ले जाएंगे. यह स्टोरी चौंकाती है. क्या पीएम उन्हीं को ले जाएंगे जो उन्हें सूट करते हैं. जो उनको सुरक्षित करते हुए लिखते हैं. टीवी वालों से उनकी नाराजगी की वजह क्या है. क्या टीवी वालों ने घपलों-घोटालों को दिखा दिया तो यह गलत काम कर दिया.

बेचारे प्रधानमंत्री की चरम बेचारगी, पर बेचारा पद न छोडे़गा

अपने देश के प्रधानमंत्री बेचारे हैं, मजबूर हैं, लाचार हैं, गल्तियां करने वाले हैं…. और ये सारी बातें वे खुद मानते भी हैं. लेकिन उन्हें शायद डाक्टर ने कह रखा है कि यह सब होने के बावजूद वे पद पर बने रहें. सच में, लाचार पीएम के लगातार पद पर बने रहने के कारण यह देश लाचार होता जा रहा है, इस देश की जनता लाचार होती जा रही है, इस देश की किस्मत में बेचारगी का भाव भरता जा रहा है.

भड़ासी चुटकुला (20)

अपने मनमोहन सिंह ने जिस ऐतिहासिक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया, अपनी मजबूरी का रोना रोने के लिए, वह प्रेस कांफ्रेंस ही मनमोहन के गले की फांस बनने लगी है. उस पीसी के जरिए मनमोहन ने खुद को सबसे मजबूर आदमी के रूप में पेश कर दिया है. मनमोहन की उसी पेशकश पर कुछ चुटकुले तैयार होकर आजकल यहां वहां विचरण कर रहे हैं. अपने बेचारे पीएम मनमोहन को लेकर बने दो नए चुटकुले या कमेंट्स, जो कह लीजिए आपके सामने पेश हैं. इसे पढ़कर आप जरूर कहेंगे कि ये आज के दिन के दो सबसे मजेदार वाक्य हैं. जो लोग इसे पहले पढ़ चुके हैं, उनसे अनुरोध है कि वे भी इस चुटकुले को जहां-तहां फारवर्ड करें… ताकि बेचारे पीएम की मजबूरी वाली बात और उनका मजबूर दर्शन हर जगह पहुंच सके. जय हो. -यशवंत

संपादकों के सवाल और प्रधानमंत्री के जवाब

प्रधानमंत्री साथ लगभग सत्‍तर मिनट के प्रेस कांफ्रेंस में संपादकों ने अनेक सवाल पूछे कुछ तीखे- कुछ हल्‍के। संपादक रूपी जीव भी अब आम आदमी से कितना दूर जा चुका है, यह प्रेस कांफ्रेंस में देखने को मिला। इन महान संपादकों ने आम आदमी से जुड़ा एक सवाल नहीं पूछा। युवाओं के सबसे बड़े देश में बेरोजगारों के लिए क्‍या कदम उठाया जा रहा है, किसी का ध्‍यान नहीं गया। कर्ज में डूबा किसान आत्‍महत्‍या कर रहा है, महंगाई आम आदमी को लील रही है, ऐसे सवाल हाशिए पर रहे। नीचे आप भी पढि़ए संपादकों के सवाल और पीएम के जवाब।

मनमोहन सबसे कलंकित प्रधानमंत्रियों में से एक!

आलोक तोमर: झूठे, बेईमान, नादान मनमोहन! : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शायद इस देश के इतिहास के अब तक के सबसे कलंकित प्रधानमंत्रियों में से एक साबित होने वाले हैं। वैसे तो वे अपने आपको महात्मा गांधी साबित करने में जुटे हुए हैं लेकिन जो भी घपला होता है उसके बारे में आधिकारिक और अदालती तौर पर पता चलता हैं कि जो हुआ वह मनमोहन सिंह की पूरी जानकारी में हुआ।