वैसे भी जिस बंदे के बदन पर खाकी होती है, उसके हाव-भाव-ताव सब अलग होते हैं. जनता उनके लिए कीड़े-मकोड़े से ज्यादा नहीं होती. खाकी बदन पर चढ़ते ही ये खुद को कानून से ऊपर समझने लगते हैं और आईपीसी की धाराओं को अपनी रखैल. जब जैसा चाहा वैसा किया, फिर कानून की कमजोरी का फायदा उठाते हुए बच निकले. आज गाजीपुर जिले के बिरना थाने क्षेत्र में हुई घटना भी ऐसे ही एक पुलिस वाले की गुंडई तथा कानून से खुद को ऊपर समझने की मानसिकता का परिचायक है.
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इस पागल, नंगे व खतरनाक शख्स को पुलिस ने मारकर क्या गलत किया?
: देखें सीसीटीवी फुटेज और अन्य वीडियो : सतना (मध्य प्रदेश) की घटना याद होगी. न्यूज चैनलों पर बार-बार दिखाया गया. एक मानसिक रूप से बीमार आदमी को पुलिसवालों द्वारा मिलकर सरेराह पीटा जाना. और इसी के चलते उस आदमी की मौत हो जाना. पिटाई की सीन को जिसने भी देखा, उसने पुलिसवालों को जमकर गालियां दी और देश में अंग्रेजी राज जैसे पुलिस दमन की कल्पना की.
यूपी में फिर एक मां का अपमान, डा. निशीथ राय के घर पुलिसवालों का तांडव
पत्रकारों पर सरकारी और प्रशासनिक दमन का कहर यूपी में लगातार ऊफान पकड़ता जा रहा है। शलभमणि त्रिपाठी पर हुए पुलिसिया हमले पर छीछालेदर के बाद भी पुलिसवालों का रवैया मीडियावालों के प्रति लगातार हमलावर बना हुआ है। ताजा घटना इलाहाबाद में हुई जहां डेली न्यूज एक्सप्रेस के प्रबंध सम्पादक डॉ निशीथ राय के घर छह थानों की पुलिस ने दबिश डाली।
खीरी रेपकांड : पूर्व एसपी डीके राय लापरवाही में मुअत्तल
: लखीमपुर गैंगरेप कांड की जांच सीबीआई से कराने को मायावती तैयार : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दल निघासन पहुंचा : प्रदेश सरकार ने सोनम हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपने का इरादा जाहिर कर दिया है, लेकिन साथ ही कहा है कि इस बारे में अगर पीडित परिजनों की कोई अर्जी आयी तो सीबीआई जांच करायी जा सकती है। लेकिन इस हादसे की आंच से सहमी यूपी सरकार ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री मायावती ने लखीमपुर से हटाये गये पुलिस कप्तान डीके राय को निलंबित भी कर दिया है।
यूपी में एक और बलात्कार, पुलिस का रिपोर्ट लिखने से इनकार
यूपी में महिलाओं के साथ उत्पीड़न थमने का नाम नहीं ले रहा है. लखीमपुर खीरी में दिलदहला देने वाली घटना का खुलासा हुआ था कि जिसमें पुलिसवालों ने ही थाना परिसर में एक किशोरी के साथ गैंगरेप कर उसे मारकर पेड़ से लटका दिया, अब एक और रेप कांड का पता चला है. इस रेप कांड में पुलिस पीड़ितों की रिपोर्ट नहीं दर्ज कर रही है. घटना 30 मई की है. जिसके साथ घटना हुई है, वह एक गरीब घर की बेटी है, इसलिए पुलिस वालों ने तहरीर रख ली.
मिडडे में छपी पत्रकार अकेला की दास्तान
मुंबई से प्रकाशित मिडडे अखबार ने पत्रकार ताराकांत द्विवेदी उर्फ अकेला की दास्तान प्रकाशित की है. अकेला ने कहा है कि अगर उनके साथ पुलिस ऐसा बर्ताव कर सकती है तो आम आदमियों की क्या दशा-दुर्दशा ये पुलिस बनाती होगी, सोचा जा सकता है. स्टोरी में अकेला ने पूरा किस्सा बताया है, पढ़िए…
जीआरपी की पोलखोलने वाले अकेला को मिली जमानत
मुंबई से खबर है कि पत्रकार ताराकांत द्विवेदी अकेला को जमानत मिल गई है. रेलवे अदालत ने उन्हें दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. उन्हें सरकारी गोपनीयता कानून भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में अदालत ने उन्हें 21 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था. जीआरपी की इस मनमानी के खिलाफ मुंबई में पत्रकारों ने रैली निकाली थी और गृहमंत्री आरआर पाटील से मिलकर रोष व्यक्त किया था.
भट्टा में महिलाओं के कपड़े उतारकर परेड कराया गया
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्लू) की टीम ने भट्टा-पारसौल गांव से लौटकर जो बयान दिया है, उससे पता चलता है कि किस तरह यूपी सरकार भट्टा में हुए प्रशासनिक उत्पीड़न को दबाने को तत्पर है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा यासमीन अबरार ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के भट्टा-परसौल गांव में पुलिस वालों ने महिलाओं के कपड़े उतारे और उनका परेड कराया. महिलाओं के साथ छेड़छाड़ भी की गई.
पत्रकारों ने बचाई पुलिस अधिकारी की जान
रायपुर में पुलिस दिखी लाचार…. पुलिस को पड़ गए जान के लाले.. अपने ही पुलिस अधिकारियों को छोड़ भाग खड़े हुए पुलिसकर्मी.. भीड़ के सामने पुलिस बेबस… मीडियाकर्मियों ने बचाई पुलिस अधिकारी की जान.. राजधानी के समीप मंदिरहसौद में एक हत्या के मामले में जमकर बवाल हुआ.. गांव वालों ने आरोपी अखिलेश मिश्रा औऱ उसके परिवार वालों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहले उसके घर औऱ बाद में पुलिस वालों पर पथराव किया.. जिससे आरंग के थानेदार लालचंद मोहले सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए..
मुख्यमंत्री को ब्लैकमेल करने का आरोप! लखनवी पत्रकार बना उत्तराखंड पुलिस का शिकार
: उत्तराखंड सरकार की मीडिया को पालतू बनाने या परेशान करने की घटिया मानसिकता का विरोध करें : लखनऊ में लाइवन्यूज नाम से न्यूज एजेंसी चला रहे पत्रकार आसिफ अंसारी को उत्तारखंड की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मिली जानकारी के मुताबिक आसिफ अंसारी पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को ब्लैकमेल करने का आरोप है.
तानाशाह बृजलाल की नींद नहीं खुली तो पुलिसकर्मियों का सब्र टूट जाएगा
उत्तर प्रदेश पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुबोध यादव ने मुरादाबाद में डीआईजी द्वारा महिला रगरुटों से अश्लील डांस के मामले में डीआईजी को तत्काल निलंबित करने की मांग करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश की पुलिस को कानून का पाठ पढ़ाने वाले तानाशाह बृजलाल की नींद कब खुलेगी और अगर जल्द नहीं खुली तो अराजपत्रित पुलिस कर्मियों का सब्र टूट जायेगा.
कमल के परिवार ने देखा हरामखोर यूपी पुलिस का क्रूर चेहरा
कितनी निरंकुश हो गई है उत्तर प्रदेश की पुलिस. आम आदमी के साथ तो बिना वजह मारपीट-गाली ग्लौज की घटनाएं तो अक्सर सुनाई देती हैं, लेकिन अब तो भक्त और महिलाएं भी इन हरामखोर पुलिसवालों का निशाना बनने लगी हैं. ऐसी ही एक घटना है मथुरा जिले के वृंदावन की, जहां बांके बिहारी की दर्शन करने जा रही एक महिला और उसके परिवार वालों की पिटाई कर दी.
उस एसपी को अपने किए पर पश्चाताप है!
मैंने जब भड़ास पर अपनी आने वाली किताब ”तीस आईपीएस अफसरों की जिंदगी पर किताब लिखेंगे अमिताभ” के बारे में जानकारी दी तो मुझे इस सम्बन्ध में कई सारी टिप्पणियां मिलीं. दोस्तों ने इसे एक सराहनीय कार्य बताया और इस कृत्य के लिए मेरी प्रशंसा की एवं शुभकामनाएं दीं. स्वाभाविक है अपने सभी मित्रों के प्रति मेरे मन में भी उतनी ही शुभिक्षा जाग्रत हुई जितनी उन्होंने अपने शब्दों से व्यक्त की.
पुलिस चौकी में महफूज नहीं हैं सिपाही
सवाई माधोपुर में एसएचओ फूल मोहम्मद को जनता द्वारा फूंके जाने की घटना के एक सप्ताह ही बीते थे कि एक 20 वर्षीय युवक ने कोटा शहर की एक पुलिस चौकी में घुसकर तोड़फोड़ की और कांस्टेबल बलदेव सिंह पर जानलेवा हमला किया। कांस्टेबल चौकी के दरवाजे बंद कर अपनी जान बचाई।
होली के दिन गाजियाबाद पुलिस ने दिखाया अपना बर्बर चेहरा
: गाड़ी सहित उठा ले गए ढाई साल की बच्ची को : विरोध करने पर बरसाई लाठियां : 20 फरवरी को होली के दिन गाजियाबाद में प्रताप विहार पुलिस चौकी, पुलिस की कायरता और बर्बरता की गवाह बनी। पुलिस ने न केवल एक अबोध बच्ची के अपहरण की कोशिश की बल्कि विरोध करने पर उसकी मां समेत अन्य महिलाओं पर लाठियां बरसाईं। पुलिस ने इतनी हिमाकत तब की जब वो पीड़ित पक्ष को अच्छी तरह जानती-पहचानती थी।
पुलिस ने मुर्गी लूटी, व्यापारी ने डीआईजी से न्याय मांगा
कानपुर। जहाँ एक ओर नगर में बड़ी-बड़ी लूट और चोरी का खुलासा पुलिस कर नहीं पाती वहां के डीआईजी के पास एक व्यापारी पुलिस वालों द्वारा अपनी मुर्गी लूट लिए जाने की शिकायत करने पहुंच गया। खाकी वर्दी धारियों ने एक हाइवे पर एक व्यापारी की मुर्गी लूट ली। जिसकी शिकायत करने व्यापारी डीआईडी राजेश कुमार राय के कार्यालय पहुंच गया।
ये चोर हैं, आइए इन्हें हम-आप मिलकर पीटें
: जनता ने खुद चोर पकड़ा और उन्हें बांधकर सरेआम पीटकर अधमरा किया : : पुलिस वाले आए तो तमाशबीन बन पिटाई देखते रहे : चंदौली जिले की घटना की गवाह कुछ तस्वीरें : ये दृश्य पाकिस्तान या अफगानिस्तान के नहीं हैं. ये यूपी के हैं. जी हां, उसी यूपी में जहां आजकल पुलिस परपीड़क बनी हुई है, उगाही में लगी हुई है और जनता है कि चोर-उचक्कों को पकड़ कर प्राकृतिक न्याय देने में जुटी है.
बिजेंद्र यादव थाने में बैठाये गए
धन्य है हमारी उत्तर प्रदेश की पुलिस व्यवस्था जो अपराधियों पर कार्रवाई करने की अपेक्षा निर्दोषों की ही धरपकड़ में ज्यादा विश्वास रखती है. ऐसे ही एक व्यक्ति को यूपी पुलिस इन दिनों प्रताड़ित कर रही है जो पुलिस के निचले तबके के लोगों के कल्याण के लिये संघर्षरत है. तभी तो आज इलाहाबाद पुलिस द्वारा बिजेंद्र यादव को कैन्ट थाने में पकड़ लाया गया, जब वह अपने मामले की सुनवाई के लिये इलाहाबाद हाईकोर्ट गए थे.
ये माया मैम की जूती है, इसे चमकाओ
: शर्म करो यूपी के पुलिस वालों : अगर महिला सामान्य या गरीब घर की है, तो यूपी के पुलिस वाले, सिपाही से लेकर आईपीएस तक, उसे जेल या थाने में डालने से हिचकेंगे नहीं, बिना किसी जुर्म.
अवैध वसूली में टोटल टीवी के दो पत्रकार गए जेल
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में टीआई बनकर अवैध वसूली करते दो पत्रकारों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दोनों टोटल टीवी के पत्रकार हैं. दोनों एक ट्रक चालक को धमकाकर उससे पचास हजार रूपये की मांग कर रहे थे. शक होने पर चालक ने इसकी सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस ने दोनों को रंगेहाथ पकड़ लिया. अपराध पर नियंत्रण के लिए सिवनी पुलिस पिछले कई दिनों से चेकिंग अभियान चला रही थी. इसका फायदा उठाकर कुछ लोग उन सड़कों पर अवैध वसूली का काम कर रहे थे, जिन पर पुलिस नहीं रहती थी.
पत्रकारों को ऐसे पीटते हैं यूपी के पुलिसवाले
मुरादाबाद में थाना मझोला की खुशहालपुर पुलिस चौकी में तैनात हैं दरोगा प्रेम प्रकाश. इनके साथ सिपाही देवदत्त और ब्रज पाल हर रोज सुबह रास्ते से गुजरने वाले छात्रों, व्यापारियों और इलाके में रहने वाले सभ्य लोगों से वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली का धंधा करते हैं. घटना परसों की है. समय सुबह ग्याराह बजे.
पुलिस बर्बरता का शिकार पत्रकारिता का छात्र
: आंख में गंभीर चोट, पांच टांके लगे : दरोगा का बेटा होने के बावजूद नहीं बख्शा : देहरादून। मित्रता, सेवा, सुरक्षा को अपना मूल ध्येय और खुद को जन मित्र होने का दावा करने वाली उत्तराखंड पुलिस ने मंगलवार को इन वाक्यों के ठीक विपरीत आचरण करते हुए पत्रकारिता के एक छात्र के साथ जमकर बदसलूकी। एसपी सिटी देहरादून की गाडी पर सवार पुलिसकर्मियों ने उसे बेवजह रोक कर बेरहमी से पीटा। उसकी आंख पर गंभीर चोट आई और पांच टांके लगे हैं। युवक का नाम संदीप सिंह धारीवाल है और वह राजधानी के मोहिनी रोड क्षेत्र का निवासी है। संदीप ने पुलिस कर्मियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि पुलिस ने उसकी सोने की चेन और कुछ नगदी भी छीन ली। जब उसने घटना की सूचना अपने परिजनों को देने कि कोशिश की तो उसका मोबाइल भी छीनकर तोड़ दिया गया।
दिल्ली में पत्रकार बना चोरों का शिकार
दिल्ली में गाड़ी के शीशे तोड़कर सामान चुराने वाला गिरोह बेखौफ हो गया है. इस गिरोह के शिकार तिलक नगर थाना क्षेत्र में एक पत्रकार बने. चोरों ने उनकी गाड़ी से लैपटॉप, कैमरे, मोबाइल और अन्य सामान चुरा लिया. पत्रकार सुमित चौहान ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी है. पुलिस को अभी तक चोरों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
पुलिस की पिटाई ने ली पत्रकार की जान!
: फतेहपुर में आपस में ही उलझे पुलिसकर्मी : उत्तर प्रदेश पुलिस को जनता से मित्रवत व्यवहार करने की नसीहत देने वाले पुलिस महानिदेशक करमवीर सिंह की मित्र पुलिस की परिकल्पना को प्रदेश मे स्वेक्षाचारी पुलिसकर्मियों द्वारा ही पलीता लगाया जा रहा है। अपने ही अधिकारियों पर हमलावर होने वाली पुलिस का वीभत्स चेहरा फतेहपुर मे भी देखा जा रहा है। यहां लगभग एक सप्ताह पूर्व क्षे़त्रीय पत्रकार से खुन्नस खाये एक दरोगा ने उसे मानसिक और शारीरिक संत्रास देकर जेल क्या भेजा, उसकी मौत ही हो गयी।
पत्रकारों को सबक सिखाने की तैयारी में बाड़मेर पुलिस!
यूपी के बाद राजस्थान में भी पत्रकारों को सबक सिखाने की तैयारी हो रही है. एक खबर से नाराज पुलिस पत्रकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भू-माफियाओं से मिलकर गरीबों की जमीन हड़पने की खबर से नाराज बाड़मेर पुलिस दो पत्रकारों से बदला लेने के लिए इनके खिलाफ फाइल खोल दिया है.
वीआईपी की सुरक्षा के लिए ये कैमरामैन खतरा हैं!
हाल में बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के मीडिया कर्मियों को जो अनुभव स्थानीय पुलिस से मिले हैं, उसमे अभी कई रंग और मिलने वाले हैं, क्योंकि प्रेस क्लब के वरिष्ठ सदस्य अपना दुखड़ा लेकर जब पुलिस के आला अधिकारी से मिले तो जो सलाह उन्हें दी गई, उससे वो सकते में हैं. प्रस्तुत है पुलिस के आला अधिकारी से प्राप्त नसीहतों के कुछ अंश-
गैंग रेप, प्रेस, पुलिस, नेता और लोकतंत्र
फांस दिए तीन पत्रकार : सोनभद्र की तीन आदिवासी नाबालिग लड़कियों से सामूहिक बलात्कार की कवरेज करने वाले पत्रकार को मिली नौकरी से निलंबन और कोर्ट के चक्कर लगाते रहने की सजा। साथ में दो और पत्रकारों को पुलिस ने फांस दिया है। इतने संगीन मामले की लीपापोती में पुलिस, प्रेस और सत्ताधारी दल के नेता एक हो गए। महिला आयोग की भी भूमिका संदिग्ध रही। इस पूरे घिनौने खेल में उत्तर प्रदेश के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त एक सीनियर आईपीएस की करतूत सबसे शर्मनाक रही। पुलिस के दबाव में पीड़ित लड़कियों के अनपढ़ और सीधे-सादे पिता को ही पीड़ित पत्रकारों के खिलाफ गवाह बना दिया गया। इस तरह पूरा वाकया ही उलट गया।