2010 कनपुरिया पत्रकारों के मानमर्दन का वर्ष

: चौथा कोना – खुद सुधरो फिर छेड़ो सुधार की मुहिम : एक आईपीएस अधिकारी ने कानपुर प्रेस को सिखाया सबक : दिसम्बर के आखिरी हफ्ते में पलटकर देखा जाता है बीते साल को. चौथा कोने से पलटकर देखने में 2010 कनपुरिया पत्रकार के मानमर्दन का वर्ष कहा जायेगा. एक आईपीएस अधिकारी ने कानपुर प्रेस को यह सबक दिया है कि चाहे नौकरी वाले पत्रकार हों या फैक्ट्री (प्रेस) मालिक वाले पत्रकार अगर अपने गरेबान में झांके बगैर दूसरे में खोट निकालने का धन्धा करोगे तो मारे जाओगे…. तन से भी, मन से भी और धन से भी.

हार गए पत्रकार, जीत गई माया सरकार

नूतन ठाकुर: इसलिए लड़ाई जारी रहे : पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में पुलिस अफसरों के बड़े भारी संख्या में तबादले हुए. सत्तर के आस-पास. इनमे हर रैंक के अफसर थे- एसपी भी, डीआईजी भी, आईजी और एडीजी तक. इनमे कुछ तबादले खास तौर पर गौर करने लायक थे- एक पूरब में गाजीपुर का, एक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का और एक उत्तर प्रदेश के पुराने औद्योगिक नगर कानपुर का. इन तीनों को मैं एक अलग नज़र से इसीलिए देख रही हूँ क्योंकि इन तीनों ही जगह पर पिछले एक-डेढ़ महीने के अंदर पत्रकारों से जुड़े बड़े-बड़े कांड हुए थे.

यशवंत जी, डीआईजी प्रेम प्रकाश को हीरो न बनाएं

: दिव्या प्रकरण में कानपुर पुलिस झुकी : प्रबंधक के बेटे को गिरफ्तार करना पड़ा : यशवंत जी, दिव्या प्रकरण में हिन्दुस्तान की तथ्यपरक रिपोर्टिंग के बाद आखिरकार कानपुर पुलिस को स्कूल प्रबंधक के बेटे को गिरफ्तार करना पड़ा। पुलिस शुरू से ही इस मामले में लीपापोती में लगी रही यह प्रमाणित करने के लिए इस केस में पुलिस द्वारा 19 दिनों में दिए गए बयान, उनकी करतूत काफी है। इतना ही नहीं इसी बौखलाहट का नतीजा है कि कानपुर पुलिस प्रशासन ने हिन्दुस्तान पर चौतरफा हमला बोल दिया।

मीडिया को आइना दिखाने वाला आईपीएस

[caption id="attachment_18297" align="alignnone" width="505"]कानपुर के डीआईजी प्रेम प्रकाश अपने आफिस में एक टीवी वाले को किसी घटना पर बाइट देते हुए.कानपुर के डीआईजी प्रेम प्रकाश अपने आफिस में एक टीवी वाले को किसी घटना पर बाइट देते हुए.[/caption]

: कानपुर में जागरण वालों के दिमाग ठिकाने लगाने के बाद अब हिंदुस्तान अखबार को लाइन पर लाने में लगे डीआईजी प्रेम प्रकाश : प्रेम प्रकाश आईपीएस हैं. डीआईजी के रूप में कानपुर में पोस्टेड हैं. एसएसपी का भी प्रभार उनके पास है. बीते दिनों वे सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने जागरण वालों को खदेड़ा था. डीआईजी प्रेम प्रकाश ने कानपुर में जागरण के मालिकों महेंद्र मोहन गुप्ता व अन्य की खटिया खड़ी कर दी थी.