पुलिस अफसर की जवांमर्दी और नपुंसक अखबार

आदरणीय यशवंत जी, संपादक, भड़ास4मीडिया, गाजीपुर पुलिस ने आपकी मां के साथ बीते दिनों जो अपमानजनक और अमानवीय व्यवहार किया था, वह अक्षम्य अपराध था और किसी भी दोषी पुलिसिये के खिलाफ कोई कार्रवाई आजतक नहीं हुई। यूपी पुलिस की हैकड़बाजी अब भी चालू है। और, पुलिसियों के इस नेक काम में बनारस के अखबार भी खुलकर साथ दे रहे हैं। आईजी राजेंद्रपाल सिंह की कार संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सामने से बुधवार को गुजर रही थी। तभी उनकी कार की एक मार्शल या बोलेरो से टक्कर हो गयी। एक पुलिस अधिकारी ने उतर कर न सिर्फ स्वयं गाड़ी चालक व उसके साथ बैठे युवकों को धुना बल्कि साथ चल रहे अर्दली पुलिसियों को ललकार कर युवकों को पिटवाया। पहले  तो अर्दली टाइप पुलिसिये युवकों को थप्पड़ रसीद कर रहे थे तब अधिकारी ने ललकार कर कहा-लाठियों से पीटो।