पत्रकार और सांसद तरुण विजय बुरी तरह घिर गए हैं. भोपाल की आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद हत्याकांड में जबसे उनका नाम आया है, तबसे उनके बारे में नित नई जानकारियां लीक की जा रही हैं या पता चल रही हैं. ताजी जानकारी ये है कि तरुण विजय और शेहला मसूद में दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी.
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RSS to Launch News Portal?
The Khaki clad RSS-a right wing Hindu organization from India, which enjoys a good supporter base across India is about to launch a dedicated News Portal. According to sources from within RSS, the proposed news portal would go online during next few weeks. It has been learnt that one Sangh Pracharak from North India would hold the command of this project.
संघ के विरोध पर भागवत का नाम इंडिया टुडे वालों ने अपनी वेबसाइट से हटाया
नई दिल्ली : इंडिया टुडे समूह ने अपने कॉनक्लेव में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को बुलाने की सूचना अपनी वेबसाइट से हटा ली है। संघ को ऐतराज था कि उनकी अनुमति के बगैर उनके नाम को क्यों जोड़ा गया। संघ ने मीडिया समूह से वेबसाइट से तत्काल नाम हटाने को कहा था। इंडिया टुडे समूह के 18 मार्च से हो रहे मीडिया कॉनक्लेव चैलेंज द पावरका 18 मार्च को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उद्घाटन करना था और 19 मार्च को संघ प्रमुख मोहन भागवत को कश्मीर मुद्दे पर र्चचा के लिए बुलाया गया था।
संघियों ने मीडियावालों को उनकी औकात बता दी
: वे हमें दुत्कारते रहे, हम पूंछ हिलाते रहे : अजमेर के इतिहास में बीते पांच दिन पत्रकारिता और पत्रकारों के लिए बेहद शर्मनाक गुजरे। देश को दिशा देने की बात करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत अजमेर में रहे, अनेक बैठकें कीं, अनेक संभ्रांत लोगों से मिले, अच्छी-अच्छी आदर्शपूर्ण बातें की, मगर एक बार भी प्रेस से मुखातिब नहीं हुए। कितने दुर्भाग्य की बात है कि इस राष्ट्रवादी संगठन ने कथित देश हित की खातिर अनेक मंत्रणाएं कीं पर मीडिया को गांठा तक नहीं।
मजाक बन गई है भाजपा की तिरंगा यात्रा
: इतिहास को दोहराने की कोशिश का हश्र यही होता है : “देशभक्ति, दुष्टों-लफंगों की आखिरी शरणस्थली होती है” – सैमुएल जॉन्सन : सैमुएल जॉन्सन की यह पंक्ति भारतीय जनता पार्टी और उसके युवा संगठन भारतीय जनता युवा मोर्चा की तिरंगा यात्रा पर बिल्कुल फिट बैठती है. ऐसे राजनीतिक तमाशे करने में भाजपा का कोई जवाब नहीं है. वैसे भी भाजपा के लिए ‘देशभक्ति’ हमेशा से आखिरी शरणस्थली रही है.
‘देश के सभी हिन्दू साम्प्रदायिक क्यों नहीं हैं?’
जब से आरएसएस के लोगों की आतंकवादी घटनाओं में संलिप्तता सामने आयी है, तब से आरएसएस के नेता बौखला गए हैं। इस बौखलाहट में ही शायद संघ के इतिहास में पहली बार हुआ है कि इसके स्वयंसेवक विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरे।
तरुण विजय और शेषाद्रिचारी में ठनी
संघ के पूर्व संपादकों में सांसदी को लेकर महाभारत : आर्गनाइजर और पांचजन्य के पूर्व संपादकों का इस तरह चर्चा में आना संघ के खांटी स्वयंसेवकों को शायद भा नहीं रहा होगा। लेकिन सच तो सच है। संघ की कथित ईमानदार, उज्जवल छवि को दागदार बनाते हुए दो शीर्ष पत्रकार इस तरह से भिड़ेंगे, संघ के नेताओं ने सोचा भी न होगा। पांचजन्य के पूर्व संपादक और भाजपा प्रवक्ता तरुण विजय की राज्यसभा उम्मीदवारी पर आर्गनाइजर के पूर्व संपादक शेषाद्रिचारी का भड़क उठना लाजिमी था। वो तरुण विजय के भाजपा प्रवेश के काफी अरसा पूर्व से भाजपा की सेवा कर रहे थे। उन्हें संघ ने सन् 2002 में ही भाजपा में राष्ट्रीय मंत्री के तौर पर स्थापित कर दिया था। वह उत्तराखण्ड भाजपा के प्रभारी भी रहे। जाहिर है, राज्यसभा में जाने का उनका हक तरुण विजय से पहले बनता था, लेकिन उनकी आस धरी की धरी रह गई। तरुण विजय ने राज्यसभा की सीट उनसे पहले लपक ली।