[caption id="attachment_18110" align="alignleft" width="60"]रूबी[/caption]चौथी दुनिया में एडिटर (इंवेस्टिगेशन) पद पर कार्यरत रूबी अरुण के बारे में सूचना है कि वे संस्थान को गुडबाय कहने वाली हैं. वे करीब महीने भर से आफिस नहीं जा रही हैं. सूत्रों के अनुसार रूबी ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है पर उनका सक्रिय पत्रकारिता में लौटने का मन नहीं है.
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बड़े पत्रकार, बड़े दलाल
[caption id="attachment_17449" align="alignleft" width="71"]रूबी अरुण[/caption]पद्मश्री और एनडीटीवी की ग्रुप एडिटर बरखा दत्त और एचटी के सलाहकार वीर सांघवी. दो ऐसे नाम, जिन्होंने अंग्रेज़ी पत्रकारिता की दुनिया पर सालों से मठाधीशों की तरह क़ब्ज़ा कर रखा है. आज वे दोनों सत्ता के दलालों के तौर पर भी जाने जा रहे हैं. बरखा दत्त और वीर सांघवी की ओछी कारगुज़ारियों के ज़रिए पत्रकारिता, सत्ता, नौकरशाह एवं कॉरपोरेट जगत का एक ख़तरनाक और घिनौना गठजोड़ सामने आया है. देश की जनता हैरान है.