[caption id="attachment_20224" align="alignleft" width="113"]संजय सिंह[/caption]: हमने जो समाज बनाया है, यह उसी की अदा है : डॉ. नूतन ठाकुर के लेख, “भूषण पिता-पुत्र पर चुप क्यों हैं सिविल सोसाइटी के लोग” के संदर्भ में कहना चाहता हूं कि उनके सवाल का जवाब हरीश साल्वे ने उसी टीवी कार्यक्रम में दे दिया था, जिसमें पत्रकार विनीत नारायण ने भूषण पिता-पुत्र पर गंभीर आरोप लगाए थे और जिसकी चर्चा नूतन जी ने की है। हरीश साल्वे ने जो कहा उससे मैं भी सहमत हूं।
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अन्ना में देख रहे अपना ‘अक्स’
कल्पना कीजिए कि अन्ना हजारे की जगह पर कोई और आम या नामचीन चेहरा भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठता तो क्या इसी तरह जनसैलाब उमड़ता! शायद नहीं। यह अतिश्योक्ति नहीं है। दरअसल, इस गांधीवादी व्यक्ति की साधारण जीवन पद्धति, ईमानदार, संघर्षशील और बेदाग छवि ही है, जो अपनी तरफ जनसैलाब खींच रही है और पूरे देश में चेतना का बिगुल फूंक रही है।
भास्कर, दिल्ली 2 सितंबर को री-लांच होगा
संजय सिंह, गंगेश मिश्र और विमल झा ने ज्वाइन किया : दैनिक भास्कर का दिल्ली संस्करण दो सितंबर से री-लांच होने जा रहा है। इसी क्रम में कई वरिष्ठ और प्रतिभाशील लोगों को भास्कर प्रबंधन ने अपने साथ जोड़ा है। इनमें सबसे पहला नाम है संजय सिंह का। न्यूज एक्स में डिप्टी पोलिटकल एडिटर पद पर काम करने के बाद संजय ने अब भास्कर, दिल्ली में पोलिटिकल एडिटर के रूप में नई पारी शुरू कर दी है। संजय इससे पहले डीएनए, पायनियर, स्टेट्समैन आदि अखबारों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके हैं। पटना के रहने वाले संजय सिंह का पत्रकारीय करियर 18 वर्षों का है। इसी तरह ‘चौथी दुनिया’ में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार गंगेश मिश्र ने डिप्टी एडिटर के रूप में भास्कर, दिल्ली ज्वाइन किया है।