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‘विधवा विलाप’ न करें : राहुल देव
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उदयन के जन्मदिन पर आप निमंत्रित हैं
अगले रविवार को उदयन शर्मा के जन्म के 62 साल पूरे हो जांएगे. अस्सी के दशक में उनकी वही पहचान थी जो आज के ज़माने में राजदीप सरदेसाई और अरनब गोस्वामी की है. उदयन जी रविवार के संवाददाता और संपादक रहे. आगरा के उदयन एक बेहतरीन इंसान थे. छात्र जीवन में समाजवादी रहे और टाइम्स ऑफ़ इण्डिया का “ट्रेनी जर्नलिस्ट” इम्तिहान पास करके धर्मयुग से जुड़े. डॉ धर्मवीर भारती से पत्रकारिता का ककहरा सीखा और बहुत बड़े पत्रकार बने. फिर एक दिन अचानक और असमय इस दुनिया से चले गए.
उदयन शर्मा : पत्रकार भी, एक्टिविस्ट भी
उदयन शर्मा की पुण्य तिथि 23 अप्रैल पर उनको याद करना 1977 में शुरू हुई उस हिन्दी पत्रकारिता को भी याद करना है, जब उदयन, एमजे अकबर व एसपी ने ‘रविवार’ के माध्यम से हिन्दी पत्रकारिता को नए तेवर प्रदान किए थे। 11 जुलाई 1949 को जन्मे उदयन पत्रकार ही नहीं, एक्टिविस्ट भी थे।
उदयन को आज क्यों याद करें?
[caption id="attachment_17320" align="alignleft" width="85"]संतोष भारतीय[/caption]उदयन शर्मा को आज (पुण्यतिथि 23 अप्रैल पर) क्यों याद करें? लेकिन एक पत्रकार चाहता है कि उदयन को न केवल याद किया जाए बल्कि जाना भी जाए. मैने उन पत्रकार संपादक से कहा कि कोई याद नहीं करता तो आप क्यों करते हैं. उनका उत्तर है कि हमें तो याद करना ही चाहिए क्योंकि उदयन जी सही पत्रकारिता की परिभाषा थे.