हिंदी या अन्य भारतीय भाषाओं के अखबार – प्रकाशन समूह – मीडिया हाउस ऐसे प्रभावित करने वाले कंपेन कम ही प्लान-लांच करते हैं. इन दो टीवीसी को देखिए. इसे देखते हुए एक ग्लोबल विजन का एहसास होगा. ग्लोबल दुख-सुख की अनुभूति होगी. ब्रिटिश अखबार ‘दी इकानामिस्ट’ ने भारत में ब्रांड कंपेन शुरू किया है. दी इकानामिस्ट (इंडिया) की मैनेजिंग डायरेक्टर सुप्रियो गुहा ठकुराता हैं. इस वीकली ने भारत में मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु को कंपेन के लिए चुना है.
इसके लिए दो टीवी कंपेन लांच किए गए हैं. दोनों टीवीसी में से एक तो चीन के उन श्रमिकों के बच्चों पर आधारित है जो भारत में चीनी कारखानों में काम करने आए हुए हैं और उनके बच्चे स्थानीय स्कूलों में हिंदी सीख रहे हैं. ग्लोबलाइजेशन के चलते कैसे भाषा और संस्कृति का प्रचार-प्रसार खुद ब खुद हो जा रहा है, यह संदेश इस टीवीसी में छिपा है. चीन जैसे सफल आर्थिक देश के लोग अपने देश के लोगों द्वारा भारत में चलाए जा रहे कारखानों में काम करने आ रहे हैं. मय परिवार के. कई संदेश छिपे हैं इस टीवीसी में. वैसे, टीवीसी में दर्शकों से आह्वान किया गया है कि वे संदेश के मर्म को बूझें. दूसरे टीवीसी में अफ्रीकी बच्चों को दिखाया गया है जिनका बचपन गृह युद्ध के कारण बर्बाद हो रहा है. हीरे के लिए अफ्रीकी देशों में मची मारकाट के कारण बच्चों को भी हथियार थमा दिया जाता है. इन दोनों टीवीसी का निर्देशन गुर्ड मार्निंग फिल्म्स के शशांत चतुर्वेदी ने किया है. आइए, इन दोनों टीवी कंपेन को यहीं देख लें, यूट्यूब के सौजन्य से. क्लिक करें-
Jeet Bhati
May 15, 2010 at 10:42 pm
लाज़वाब…बेहतीन.