नवी मुंबई सेशन कोर्ट ने टाइम्स आफ इंडिया अखबार प्रकाशित करने वाली कंपनी बेनेट कोलमैन एंड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर, टीओआई के एडिटर इन चीफ और प्रकाशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश नवी मुंबई पुलिस को दिया है। बेनेट कोलमैन और टीओआई पर उड़ीसा के कंधमाल में हुई हिंसा के बाबत गलत, सांप्रदायिकता फैलाने वाली और उत्तेजक रिपोर्ट प्रकाशित करने के आरोप हैं। राजेंद्र दिवाते की तरफ से एडवोकेट प्रशांत मग्गू ने यह सूट फाइल किया। याचिका में टीओआई की रिपोर्ट में ‘हिंदू फंडामेंटलिस्ट’ और ‘हिंदू मिलिटेंट्स’ शब्द इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताई गई है। एडवोकेट प्रशांत मग्गू ने कोर्ट के सामने रिपोर्ट पेश करते हुए पूरे घटनाक्रम का उल्लेख किया।
टीओआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि उड़ीसा के कंधमाल में एक महिला के साथ बलात्कार करने वालों ने ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया। वकील का कहना है कि अखबार के पास इसका कोई प्रमाण नहीं है। इस तथ्य का उल्लेख बिना किसी आधार और दुर्भावना से प्रेरित होकर किया गया है। इसी तरह एक अन्य रिपोर्ट में लिखा गया है कि कंधमाल में 70 दलित घरों को जला दिया गया। एडवोकेट मग्गू ने कोर्ट में दलील दी कि इस तरह की जातिपरक रपोर्टों से सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की पूरी आशंका रहती है और समाज कई हिस्सों में बंट जाता है। 4 अक्टूबर 2008 की टीओआई की एक रिपोर्ट जिसका शीर्षक है- ‘हिंदुत्व हेल्प्स जिहाद’, का उल्लेख करते हुए वकील ने कहा कि अखबार धार्मिक विश्वास को आतंकवाद का जामा पहनाने की कोशिश कर रहा है। प्रशांत मग्गू ने टीओआई में प्रकाशित रिपोर्टों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे धार्मिक विश्वास और आस्था पर चोट पहुंचाने व सांप्रदायिक सौहार्द को नष्ट करने की साजिश करार दिया।
वकील ने समाज में सदभाव और शांति कायम रखने के लिए ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करने वाली कंपनी और अखबार के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की मांग अदालत से की। अदालत ने मामले को गंभीरता लिया है और नवी मुंबई पुलिस को कंपनी व अखबार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने को कहा है।
कोर्ट द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेने और पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने पर शिकायतकर्ता व उनके वकील दोनों ने खुशी जाहिर की। प्रशांत और राजेंद्र, दोनों ने कहा कि वे अखबारों के गलत काम के खिलाफ आगे भी लड़ते रहेंगे।