एक्स-ग्रेशिया और परफारमेंस बोनस से क्यों किया महरूम? : पटना में टाइम्स आफ इंडिया का प्रकाशन 1986 से हो रहा है और तभी से लगातार दिवाली के अवसर पर सभी पत्रकारों और गैर-पत्रकार कर्मियों को अखबार प्रबंधन की ओर से दिवाली गिफ्ट के तौर पर एक्स-ग्रेशिया और बोनस दिया जाता है। यह टाइम्स संस्थान की एक परंपरा अब तक रही है। इस साल कहा जाता है कि अखबार की आर्थिक स्थिति पिछले साल से अच्छी रही है। इसी वजह से कांट्रैक्ट कर्मियों को इस बरस भी तीस प्रतिशत वैरियेबल दिया गया। मगर वेज बोर्ड कर्मियों को इस बार एक्स-ग्रेशिया और परफारमेंस बोनस से वंचित रखा गया। यह पहली बार हुआ है। बोनस एक्ट कानून से बचने के लिए उन वेज बोर्ड कर्मियों को जिनकी तनख्वाह दस हजार रुपये से कम है, बोनस दिया गया है।
मगर पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए बाकी के वेज बोर्ड कर्मियों को कंपनी की ओर से एक्स-ग्रेशिया जो हर साल मात्र 8400 रुपये दिया जाता था, इस बार उससे भी वंचित रखा गया। यहां के वेज बोर्ड कर्मियों में इस बात को लेकर काफी रोष है क्योंकि एक तो उन्हें यूं ही शर्मनाक वेतन दिया जाता है और उस पर से इस बार उनको एक्स-ग्रेशिया और परफारमेंस बोनस से भी महरूम कर दिया गया।
टाइम्स आफ इंडिया न्यूजपेपर इंप्लाइज यूनियन, पटना ने प्रबंधन की इस कार्यवाही के प्रति अपना प्रतिरोध दर्ज कराने के लिए वेज बोर्ड कर्मियों का नंग-धड़ंग प्रदर्शन टाइम्स आफ इंडिया कार्यालय के सामने आयोजित करने का प्रस्ताव अपने यूनियन मेंबर वेज बोर्ड कर्मियों के सामने रखा है ताकि कम से कम अपना दर्द वे दुनिया वालों को बता सकें। वैसे, अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इस पर अंतिम निर्णय लेने के लिए यूनियन ने सीक्रेट बैलट से वोटिंग करवाने का निर्णय लिया है ताकि वेज बोर्ड यूनियन से जुड़े सभी कर्मियों की राय इस पर ली जा सके क्योंकि यहीं एक जनतांत्रिक तरीका होगा। टाइम्स आफ इंडिया कर्मचारियों का नंग-धड़ंग प्रदर्शन का फैसला चूंकि एक अहम फैसला है जिसका प्रभाव टाइम्स आफ इंडिया के ब्रांड पर पड़ना तय है, इसी वजह से इस मामले में यूनियन के सारे सदस्यों की राय लेनी आवश्यक समझी गई है।