कांग्रेस का प्रस्तावित हिंदी समाचार चैनल लोकसभा चुनाव तक चालू नहीं हो पाएगा। अपनी सरकार होने के बावजूद इस चैनल को फिलहाल निवेश और अपलिंकिग संबधी अनुमतियां नहीं मिली हैं। बाजार में मौजूद डीटीएच के सभी प्लेटफार्मों पर आने की तकनीकी जरूरतें पूरा करने में भी कम से कम पांच से छह महीने लग जाएंगे। इस बीच कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला के लोकप्रिय और चर्चित टीवी चैनल न्यूज 24 का पार्टी हित में इस्तेमाल करने की सलाह भी कुछ नेताओं ने दी थी मगर सूत्रों के अनुसार श्री शुक्ला का कहना है कि वे मूलत: व अंतत: पत्रकार हैं और अगर उनके चैनल की छवि निष्पक्ष रहेगी तो ही वे उसके जरिए पार्टी की भरपूर मदद कर पाएंगे। इसके अलावा इस चैनल का संचालन दरअसल श्री शुक्ला की पत्नी और खुद विख्यात पत्रकार रहीं अनुराधा प्रसाद करती हैं।
अनुराधा प्रसाद भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद की सगी बहन भी हैं। पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यदि मंजूरी दी तो आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कर्नाटक और महाराष्ट्र में दो और नए समाचार चैनल लेकर आएगी। इन चैनलों पर आने वाला संभावित खर्च 30 करोड़ रुपये है। श्रीमती गांधी ने इस प्रयोग की अनुमति काफी पहले दे दी थी लेकिन अपने आप को मीडिया का विशेषज्ञ मानने वाले नेताओं को जरूरी पूंजी होने के बावजूद चैनल की औपचारिकताएं पूरी कराने में वक्त लग गया। ऐसा इसके बावजूद हुआ कि इस अभियान में शामिल सभी नेताओं को टीवी चलाने का पर्याप्त अनुभव रहा है।
जहां तक राजीव शुक्ला के टीवी चैनल का सवाल है तो टीआरपी की अंधी दौड़ में शामिल न होने और समाचार की फिर से स्थापना के दावे के चलते इसकी गिनती विश्वसनीय चैनलों में होने लगी है। कई बड़े मीडिया समूहों ने इसमें साझेदारी का प्रस्ताव भी दिया है। टीवी के अलावा एफएम की दुनिया में झंडे गाड़ते राजीव शुक्ला को पार्टी अगर मीडिया का पूरा प्रभारी बना देती तो उसे ज्यादा लाभ हो सकता था। वहीं केरल के जिन तीन वरिष्ठ नेताओं ओमन चांडी, रमेश चेन्निथला और एम. एम. हसन ने चैनल लाने की योजना बनाई है, इन तीनों को ही चैनल चलाने का लंबा अनुभव है। कांग्रेस के ये नेता जय हिंद नाम से केरल में एक चैनल चला रहे हैं।
चांडी ने कहा ये पूरी तरह से व्यावसायिक न्यूज चैनल की तरह होंगे, न कि पक्षपातपूर्ण। ये कांग्रेस के मुखपत्र की तरह नहीं होंगे। कर्नाटक में इस चैनल का नाम जय हिंद कन्नड़ और महाराष्ट्र में जय हिंद मराठा रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि केरल की सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पहले से ही राज्य में कैराली नाम का एक समाचार चैनल चला रही है। राज्य की ही इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग इंडिया विजन नाम का समाचार चैनल चलाती है। कांग्रेस और माकपा से सीख लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई भी एक समाचार चैनल लाने की योजना बना रही है।
साभारः आलोक तोमर डाट काम