प्रज्ञा विजन लिमिटेड की तरफ से चलाए जा रहे धर्म-अध्यात्म चैनल प्रज्ञा टीवी से इस्तीफा देने वाले कुछ पत्रकारों ने भड़ास4मीडिया को मेल के जरिए सूचित किया है कि उन लोगों की एक माह की सेलरी पर चैनल प्रबंधन कुंडली मारे बैठा है। यश, तेजस्वी, रियाज अहमद, अभिषेक, विजय, कमल शर्मा, निधि आदि ने कुछ माह पहले एक-एक कर प्रज्ञा से इस्तीफा दिया और दूसरे चैनलों में ज्वाइन कर लिया। ज्यादातर लोग वायस आफ इंडिया से जुड़े। इन्हीं में से कुछ का कहना है कि प्रज्ञा प्रबंधन सेलरी न देने के पीछे एक महीने पहले नोटिस न देने की बात कह रहा है जबकि एक महीने पहले नोटिस केवल वही देते हैं जिनका जॉब कनफर्म होता है। इन पत्रकारों का कहना है कि डेढ़ साल से काम कर रहे कर्मचारियों को भी प्रज्ञा में कनफर्म नहीं किया गया।
वैसे, प्रज्ञा के आफर लेटर में साफ लिखा था कि छह महीने बाद जाब कनफर्म कर दिया जाएगा। इस्तीफा देने वाले पत्रकारों में से कुछ का कहना है कि शुरू में उन्हें प्रज्ञा से जुड़े वरिष्ठ लोगों ने रोकने की कोशिश की। लेकिन वे नहीं रुके तो पहले कहा गया कि अगले महीने जब सबकी सेलरी एकाउंट में जाएगी तो आप लोगों की सेलरी भी भेज दी जाएगी। तय समय पर जब सेलरी नहीं पहुंची तो फिर प्रज्ञा के अधिकारियों से संपर्क किया गया। लेकिन हर कोई टाल-मटोल करता रहा। बाद में गार्डों से कहकर इस्तीफा देने वाले पत्रकारों को संस्थान में किसी कीमत पर न घुसने देने के लिए कह दिया गया।
भड़ास4मीडिया ने पत्रकारों की पीड़ा को जब प्रज्ञा चैनल की मालकिन और मैनेजिंग डायरेक्टर मीना तिवारी तक पहुंचाया तो पहले वे नाराज हईं, बाद में सभी आरोपों का जवाब दिया। मीना का कहना था कि जितने भी नाम गिनाए गए हैं, उनमें से किसी ने नोटिस नहीं दिया। आज बोला और कल चल दिए। सभी लोग परमानेंट थे। इनके जाने से हम लोगों के काम का कितना नुकसान हुआ है, इसकी चिंता तो किसी को नहीं है। पहले भी यहां से लोग जाते रहे हैं और आते रहे हैं। सभी की सेलरी दी गई है। लेकिन आप अगर ढंग से नहीं जाएंगे और संस्थान के काम की परवाह नहीं करेंगे तो आपकी परवाह कौन करेगा? थोड़े से पैसे के लिए रातोंरात खिसक लेने वाले लोग ये नहीं सोचते कि उनके अचानक के निर्णय से काम पर कितना असर पड़ता है। जाइए तो ढंग से जाइए।
मीना तिवारी ने बताया कि किसी ने भी नोटिस नहीं दिया। रात में बोला और सुबह गायब हो गए। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि एक एंकर के जाने से उन्हें एक कार्यक्रम बंद करना पड़ गया क्योंकि कुछ प्रोग्राम एंकर के फेस से चलते हैं। अब उस प्रोग्राम को दुबारा शुरू करने के लिए हमने एंकर ढूंढा है। कुछ दिनों में फिर शुरू करेंगे। पर वो जो एंकर गई, उसे हमने तराशा और इस लायक बनाया कि वो रिकागनाइज हो सके। पर वो तब संस्थान छोड़कर गई जब मैं आउट आफ स्टेशन थी। उसने संस्थान की बिलकुल परवाह नहीं की। लाइव शो चल रहा है और बोल दिया कि अब नहीं आएंगे। क्या यही तरीका होता है? कोई जिम्मेदारी भी बनती है या नहीं? दूसरों में कमियां निकालना तो आसान है पर कभी-कभी खुद के अंदर भी झांककर देखना चाहिए। मीना तिवारी के मुताबिक प्रज्ञा प्रबंधन हमेशा से अच्छी सेलरी और माहौल अपने पत्रकारों व कर्मचारियों को मुहैया कराता रहा है। कभी किसी ने कोई शिकायत नहीं की लेकिन आज जो शिकायत आई है वो प्रज्ञा को बदनाम करने की साजिश के तहत की गई है।
उल्लेखनीय है कि मीना तिवारी सेंचुरी कम्युनिकेशंस ग्रुप के निदेशक पीके तिवारी की पत्नी हैं। पीके तिवारी पत्रकारिता और फिल्म उद्योग से लंबे समय तक जुड़े रहे। बाद में उन्होंने मीडिया के क्षेत्र में अपनी कंपनी खड़ी कर खुद को एक सफल मीडिया उद्यमी के रूप में स्थापित किया। सेंचुरी कम्युनिकेशंस लिमिटेड के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स में मीना तिवारी भी हैं। पिछले दिनों सेंचरी कम्युनिकेशंस की एसोसिएट कंपनी महुआ मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से देश का पहला भोजपुरी चैनल महुआ लांच किया गया। मीना तिवारी प्रज्ञा विजन लिमिटेड की एमडी के बतौर प्रज्ञा टीवी का संचालन करती हैं।