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स्टार न्यूज ने एनसीआर के स्ट्रिंगरों को दुखी किया?

अब स्टार न्यूज ने अपने स्ट्रिंगरों पर गाज गिरा दी है। खबर है कि इस चैनल ने एनसीआर इलाके के अपने स्ट्रिंगरों को प्रत्येक स्टोरी पर 2000 रुपये की राशि दिए जाने की परंपरा को बंद करते हुए अब प्रत्येक स्टोरी 1000 रुपये कर दिया है। साथ ही एनसीआर के सभी जिलों में एक स्ट्रिंगर की बजाय दो स्ट्रिंगर रखने की नीति शुरू की है। फरीदाबाद और गुड़गांव में एक-एक अतिरिक्त स्ट्रिंगरों की नियुक्ति भी कर दी गई है। स्टार न्यूज के कुछ दुखी स्ट्रिंगरों ने भड़ास4मीडिया को भेजे दस्तावेज और पत्र में कहा है कि दो महीने पहले तक प्रत्येक स्टोरी पर उन्हें दो हजार रुपये मिलते थे। इस तरह महीने में 15 स्टोरी होने पर 30 रुपये मिल जाते थे। अब दो हजार को घटाकर एक हजार रुपये कर दिया, उपर से एक स्ट्रिंगर और रख दिया। इससे एक तो खबरों की संख्या कम हो गई।

<p align="justify">अब स्टार न्यूज ने अपने स्ट्रिंगरों पर गाज गिरा दी है। खबर है कि इस चैनल ने एनसीआर इलाके के अपने स्ट्रिंगरों को प्रत्येक स्टोरी पर 2000 रुपये की राशि दिए जाने की परंपरा को बंद करते हुए अब प्रत्येक स्टोरी 1000 रुपये कर दिया है। साथ ही एनसीआर के सभी जिलों में एक स्ट्रिंगर की बजाय दो स्ट्रिंगर रखने की नीति शुरू की है। फरीदाबाद और गुड़गांव में एक-एक अतिरिक्त स्ट्रिंगरों की नियुक्ति भी कर दी गई है। स्टार न्यूज के कुछ दुखी स्ट्रिंगरों ने <strong>भड़ास4मीडिया</strong> को भेजे दस्तावेज और पत्र में कहा है कि दो महीने पहले तक प्रत्येक स्टोरी पर उन्हें दो हजार रुपये मिलते थे। इस तरह महीने में 15 स्टोरी होने पर 30 रुपये मिल जाते थे। अब दो हजार को घटाकर एक हजार रुपये कर दिया, उपर से एक स्ट्रिंगर और रख दिया। इससे एक तो खबरों की संख्या कम हो गई।</p>

अब स्टार न्यूज ने अपने स्ट्रिंगरों पर गाज गिरा दी है। खबर है कि इस चैनल ने एनसीआर इलाके के अपने स्ट्रिंगरों को प्रत्येक स्टोरी पर 2000 रुपये की राशि दिए जाने की परंपरा को बंद करते हुए अब प्रत्येक स्टोरी 1000 रुपये कर दिया है। साथ ही एनसीआर के सभी जिलों में एक स्ट्रिंगर की बजाय दो स्ट्रिंगर रखने की नीति शुरू की है। फरीदाबाद और गुड़गांव में एक-एक अतिरिक्त स्ट्रिंगरों की नियुक्ति भी कर दी गई है। स्टार न्यूज के कुछ दुखी स्ट्रिंगरों ने भड़ास4मीडिया को भेजे दस्तावेज और पत्र में कहा है कि दो महीने पहले तक प्रत्येक स्टोरी पर उन्हें दो हजार रुपये मिलते थे। इस तरह महीने में 15 स्टोरी होने पर 30 रुपये मिल जाते थे। अब दो हजार को घटाकर एक हजार रुपये कर दिया, उपर से एक स्ट्रिंगर और रख दिया। इससे एक तो खबरों की संख्या कम हो गई।

दूसरे, कम दर से भुगतान मिलने से मासिक आय में एकदम से गिरावट हुई है। इस कारण अब घर खर्च चलाने का संकट पैदा हो चुका है। इस बारे में स्टार न्यूज के एनसीआर प्रभारी रजनीश आहूजा से जब भड़ास4मीडिया ने बात की तो उनका कहना था कि दर घटाने की बात बेबुनियाद है। हम लोग पहले से ही प्रत्येक स्टोरी पर एक हजार रुपये देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनसीआर के कई जिलों में शुरू से दो-दो स्ट्रिंगर रखे गए थे, इसमें कोई नई बात नहीं है। 

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