लाइव इंडिया के स्ट्रिंगरों की दिवाली काली होने से बच गई। देश के नंबर वन हिंदी मीडिया न्यूज पोर्टल भड़ास4मीडिया पर खबर प्रकाशित होने के फौरन बाद लाइव इंडिया प्रबंधन ने तीन महीनों का बकाया भुगतान करने की घोषणा कर दी। जनवरी से बिना पैसे पाए खबरें भेज रहे स्ट्रिंगरों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई थी। कई स्ट्रिंगरों ने बगावती तेवर अपना लिए थे। कोर्ट-कचहरी जाने से लेकर एसोसिएशन तक बनाने की कवायद चल रही थी। भड़ास4मीडिया के माध्यम से यह खबर जब पूरे देश के कोने-कोने तक पहुंची तो लाइव इंडिया प्रबंधन ने चैनल की बदनामी न होने देने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी। तय हुआ कि फिलहाल तीन माह का भुगतान कराके स्ट्रिंगरों को शांत कराया जाए।
शुभ दिवाली : साधना समूह ने अपने कर्मियों को बोनस दिया
धुर बाजारवादी व्यवस्था में श्रम कानून तो रह नहीं गए, इसलिए ज्यादातर संस्थानों का प्रबंधन अपने कर्मचारियों की परवाह नहीं करता। कार्य के घंटे तय होने से लेकर बोनस देने जैसी जो कई सुविधाएं पहले मिली हुईं थीं, वो धीरे-धीरे खत्म होती गईं। प्राइवेट सेक्टर में तो सब कुछ खत्म कर ठेका प्रथा लागू कर दिया गया। जितने घंटे काम, उतने घंटे का दाम, शेष नहीं कोई राम-राम।
ऐसे में अगर कोई संस्थान दिवाली पर अपने कर्मियों को बोनस दे तो यह बड़ी बात है। बड़ी बात इसलिए भी है क्योंकि जिन दिनों मंदी का हल्ला मचाते हुए ढेर सारे संस्थान अपने कर्मियों की गर्दन दबोचने-नापने और सुविधाएं खत्म करने में जुटे हैं, साधना समूह ने ठीक इसके उलट काम किया। उसने अपने न्यूज और नान-न्यूज सभी कर्मियों को दिवाली मनाने के लिए बोनस के रूप में एक ठीकठाक रकम भेंट की। साधना से उन चिरकुट टीवी न्यूज चैनलों के प्रबंधन को सबक लेना चाहिए जो अपने कर्मियों की दिवाली काली करने के लिए उन्हें नौकरी से बिना वजह निकालने से लेकर सेलरी न देने तक, हर वो धतकरम कर रहे हैं, जो किसी सभ्य प्रबंधन को बिलकुल नहीं करना चाहिए।