एक न्यूज चैनल जो लांच होने से पहले ही दम तोड़ गया। लांचिंग के लिए रखे गए आधा दर्जन कनिष्ठ-वरिष्ट लोग सड़क पर आ गए। भड़ास4मीडिया तक जब यह खबर पहुंची तो इस मामले की पड़ताल की गई जिसमें कई कहानियां पता चलीं। एमडीएलआर नाम का एक ग्रुप है जो डोमेस्टिक एयरलाइंस के साथ रीयल इस्टेट और होटल आदि के बिजनेस में है। इस ग्रुप के चेयरपर्सन गोपाल कुमार गोयल हैं जो गोपाल कांडा के नाम से भी जाने जाते हैं। इन्होंने मीडिया में उतरने की ठानी। एक आध्यात्मिक चैनल और एक न्यूज चैनल खोलने का इरादा किया। इसके लिए कंपनी बनाई, अर्थ मीडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम से। इसका आफिस एमडीएलआर एयरलाइंस के कनाट प्लेस स्थित आफिस के पास बनाया गया। यह जगह जी-35 मैकडोनाल्ड के ठीक अपोजिट है।
न्यूज और नान न्यूज चैनल के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय में आवेदन करने के साथ चैनल की लांचिंग के लिए टाप लेवल पर भर्तियां शुरू की गईं। तीन वरिष्ठ लोगों को लाया गया। बताया जाता है कि एनडीटीवी अंग्रेजी के सीनियर इनपुट एडीटर और वरिष्ठ पत्रकार अजय झा को डायरेक्टर न्यूज बनाया गया। हेड आपरेशंस और प्लानिंग के पद पर अनुज द्विवेदी लाए गए। गजेंद्र सीनियर मैनेजर टेक्निकल पद पर आसीन किए गए। इनके अलावा पांच-छह अन्य सीनियर-जूनियर लोगों की भर्ती की गई। अगस्त महीने में एक दिन अचानक प्रबंधन की तरफ से कहा गया कि न्यूज चैनल लाने का प्रोजेक्ट कैंसल कर दिया गया है। सितंबर महीने में प्रबंधन ने आध्यात्मिक चैनल के प्रोजेक्ट को भी कैंसल करने की बात कहते हुए चैनल के नाम पर लाए गए सभी लोगों से हाथ जोड़ लिया।
बताया जाता है कि कनाट प्लेस आफिस में मीडिया का काम तीन महीने बाद ही समेट लिया गया। मीडिया के नाम पर भर्ती किए गए लोगों को गुड़गांव के मानेसर स्थित एमडीएलआर आफिस जाने को कहा गया। लोग वहां भी कुछ दिनों तक गए लेकिन बाद में उनसे भी मीडिया का काम बंद होने की बात बता दी गई।
भड़ास4मीडिया ने इस पूरे मामले के बारे में जब एमडीएलआर ग्रुप के चेयरपर्सन गोपाल कुमार गोयल से बात की तो उन्होंने चैनल के नाम पर किसी को निकालने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि चैनल लाने की योजना कैंसल नहीं की गई है। लाइसेंस मिलने में देरी की वजह से फिलहाल इसे टाला गया है। लाइसेंस मिलते ही चैनल का काम शुरू कर दिया जाएगा।
भड़ास4मीडिया ने चैनल से कुछ माह तक जुड़े रहे अजय झा से संपर्क किया तो उन्होंने चैनल में ज्वाइन करने की बात से ही इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि उनके पास आफर जरूर आया था। उन्होंने इंप्लाई के रूप में काम करने से मना कर दिया था। दोस्त के बतौर कुछ दिनों तक उनके यहां बैठकर प्लानिंग वैगरह की लेकिन उसके पार्ट कभी नहीं बने। लिखत-पढ़त में कुछ भी नहीं हुआ था।
भड़ास4मीडिया से बातचीत में चैनल के आपरेशंस और प्लानिंग के हेड अनुज द्विवेदी ने स्वीकार किया कि उनके समेत आधा दर्जन लोग चैनल से जुड़े थे लेकिन बाद में प्रबंधन ने मीडिया प्रोजेक्ट के पोस्टपोन होने की बात कह दी। साथ ही यह भी कहा गया कि चैनल जब शुरू होगा तो फिर संपर्क किया जाएगा।
दूसरी तरफ, चैनल से जुड़े रहे कुछ लोगों का कहना है कि दरअसल, सूचना प्रसारण मंत्रालय ने चैनल के लिए आवेदन को निरस्त कर दिया। सूत्रों का कहना है कि चैनल लाने वाले प्रमोटर पर कुछ आपराधिक मामले दर्ज होने के साथ-साथ इस ग्रुप पर इनकम टैक्स और सीबीआई के छापे पड़ चुके हैं। इस सबको देखते हुए चैनल चलाने की अनुमति मंत्रालय ने नहीं दी। चैनल से जुड़े कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर भड़ास4मीडिया को बताया कि दरअसल प्रबंधन का रवैया शुरू से ही प्रोफेशनल नहीं दिख रहा था। प्रबंधन ने मनीष जिंदल और सुरेश गोयल नाम के अपने दो खास लोगों को चैनल लांच कराने का काम सौंपा था लेकिन इन दोनों के पास मीडिया के ढांचे और सिस्टम की रत्ती भर भी समझ नहीं थी। इसके चलते मामला बनने से पहले बिगड़ना ही था।
खैर, मामला चाहे जो हो लेकिन इतना तो तय है कि एमडीएलआर ग्रुप मीडिया के क्षेत्र में उतरने के लिए पूरी तैयारी कर चुका था लेकिन न जाने किन वजहों से यह पूरा प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया। मीडिया क्षेत्र में उतरने की तैयारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ग्रुप ने अपने आध्यात्मिक चैनल का नाम तक तय कर लिया था। इसके लिए वेबसाइट वैगरह भी लांच कर दी गई। यह वेबसाइट आज भी मौजूद है। वेबसाइट में दी गई जानकारी के अनुसार आध्यात्मिक चैनल का नाम संकल्प है। इस संकल्प चैनल पर क्या-क्या कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे, इसके डिटेल भी दिए गए हैं।