इश्क, जंग और खबर की दुनिया में सब जायज है?
छोटे न्यूज चैनलों को छोड़िए, बड़े न्यूज चैनल में एक ऐसा भी चैनल है जो अपने स्ट्रिंगरों से हर कीमत पर विजुअल चाहता है, वो चाहें चोरी करके लाए या डाका डाल के। इस चैनल का फंडा बिलकुल साफ है, विजुअल हर कीमत पर। इसी चैनल का एक स्ट्रिंगर अपनी हरकतों के चलते संस्थान का लाडला बना हुआ है। दरअसल यह स्ट्रिंगर खबर चोरी करने में माहिर है। आप सोचेंगे कि खबर की भी चोरी होती है? जी हां, हम बताते है कि खबर की चोरी कैसे होती है। पूरी की पूरी खबर बनाता है कोई और, उसे सबसे तेज चलाता है कोई और। मतलब हींग लगे न फिटकरी, धंधो चोखो। आज कल न्यूज की दुनिया में एफटीपी का चलन है। दरअसल हर चैनल का एक एफटीपी एड्रेस होता है।
लोग विजुअल्स को कंप्यूटर में सेव कर उस एड्रेस पर डाल देते हैं। यह चैनल को सस्ता पड़ता है। अब सारे चैनल इस सुविधा से ही खबर लेते हैं क्योंकि किसी प्रदेश में एक-दो शहर के अलावा हर जगह इसी सुविधा का उपयोग होता है। एक तेज-तर्रार चैनल के इस स्ट्रिंगर ने सभी चैनलों का एफटीपी एड्रेस जुगाड़ लिया है। जैसे ही देश के किसी हिस्से में कोई घटना होती है और उसके फुटेज इस तेज-तर्रार चैनल के पास नहीं होते या उसको आने में देर होती है तो इस स्ट्रिंगर के पास तेज-तर्रार चैनल के हेड आफिस से फोन आ जाता है कि फलाना चैनल के पास फुटेज है, तलाश करो। तकनीक का माहिर वो स्ट्रिंगर वो फुटेज एफटीपी पर तलाशता है और अगर वहां उपलब्ध है तो उसे कॉपी कर अपने चैनल को भेज देता है। उसके बाद उसे जो शाबासी मिलती है वो बड़ी से बड़ी ब्रेकिंग और एक्सक्लूसिव देने पर भी नहीं मिलती।
एक बार की घटना है। एक स्टार माने जाने वाले चैनल के संवाददाता ने आकाश में प्रकाश का एक पुंज शूट किया जो रॉकेट की तरह आगे जा रहा था। जब ये बात स्टार चैनल को पता चली तो उन्होंने उसे बड़ी खबर बनाने का फैसला किया। पर इससे पहले कि स्टार चैनल खबर चलाता, तेज-तर्रार चैनल के स्ट्रिंगर ने उसे एफटीपी से उड़ा कर अपने चैनल पर लगा दिया। खबर जो स्टार चैनल पर चलने वाली थी, वो चलने से पहले ही गिर गई। इस दौरान जहां एक ओर स्टार चैनल के स्ट्रिंगर की भद्द पिटी, वहीं तेज-तर्रार चैनल का स्ट्रिंगर स्टार हो गया। उसके डेस्क से उसे जितनी शाबाशी खबर उड़ाने की मिली, वो शायद ही किसी दूसरे स्ट्रिंगर को मिली होगी।
उस स्ट्रिंगर का रुतबा और आलम ये है कि वोअपने चैनल के दूसरे स्ट्रिंगरों को ख़बर उड़ाने की ट्रेनिंग देता है। उसे कभी किसी खबर के लिए भागना नही पड़ता। वो बैठे-बैठे ही सारा कवरेज करता है, वो भी बिना किसी मशक्कत और खर्च के। उसका दावा है कि उसका चैनल उसकी इसी प्रतिभा को देखते हुए उसे दिल्ली में अलग से तकनीकी पद देने जा रहा है। मतलब, अब तो कहना ही होगा कि इश्क, ज़ंग और ख़बर की दुनिया में सब जायज है।
भड़ास4मीडिया तक यह कहानी एक स्ट्रिंगर ने मेल के जरिए पहुंचाई है। बाद में तहकीकात करने पर यह मामला सही पाया गया, इसलिए इसे पब्लिश किया जा रहा है। चैनलों के नाम हटा दिए गए हैं। अगर आपको इस पर कुछ कहना है या मीडिया की कोई अन्य कहानी सुनानी है तो आप [email protected] पर मेल कर सकते हैं।