बिहार में इन दिनों खबरिया चैनलों के बीच टीआरपी की जंग छिड़ी हुई है। हर कोई नंबर वन बनना चाहता है। जो नंबर वन है वह नंबर वन की गद्दी किसी हालत में छोड़ना नहीं चाहता। इसी चक्कर में घटना घटित होने से पहले ही टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज के रूप में प्रसारित हो जा रही है। मतलब, टीआरपी की होड़ में चैनल बगैर जांच-पड़ताल और बिना पुष्टि किए खबरें चलाने लगे हैं। इस लड़ाई में अगर किसी चैनल की चोरी पकड़ ली जाती है, झूठी खबर चलाने का आरोप लगता है तो चैनल वाले इसकी गाज अपने रिपोर्टर पर गिरा दे रहे हैं। अभी हफ्ते भर पहले की ही बात है। पटना के महात्मा गांधी सेतु पुल से एक बस के गंगा नदी में गिरने की खबर हवा में उड़ी। देखते ही देखते मीडिया वालों के बीच खबर को लेकर अफरातफरी मच गई। बिहार केंद्रित आधा दर्जन से ज्यादा न्यूज चैनलों ने बगैर जांच-पड़ताल किये ब्रेकिंग न्यूज प्रसारित कर दी ….सेतु से बस गिरी, चालीस यात्रियों की मौत…। इस खबर को दिखाने के लिये चैनलों में होड़ मच गई।
सब एक दूसरे को पछाड़ने में जुट गए। एक नए लांच हुए न्यूज चैनल ने तो अपने संवाददाता से फोनो (घटनास्थल से लाइव रिपोर्टिंग) चलाने के लिए कह दिया। संवाददाता ने अपने चैनल के दिल्ली स्थित वरिष्ठों को बताया कि घटना की अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए फोनो चलाना ठीक नहीं रहेगा। लेकिन टीआरपी पाने के लिए पागल हो चुके चैनल के वरिष्ठों को रिपोर्टर की बात समझ में नहीं आई। चैनल के वरिष्ठों ने फोनो चलाने के लिए आदेश कर दिया। मरता, क्या न करता, की तर्ज पर रिपोर्टर ने फोनो में आंय-बांय-सांय बाते कहीं। रिपोर्टर ने फोनो के दौरान कहा कि सेतु से एक यात्री बस गंगा नदी में गिर गई है… चालीस लोगों की मौत हो गई है….बचाव कार्य शुरू किया जा रहा है…।
सच्चाई यह थी कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं थी। झूठी खबर चलाने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने चैनल को खूब लताड़ा। नतीजतन न्यूज चैनल ने अपने संवाददाता पर ही गाज गिरा दी और उन्हें झूठी खबर चलाने के आरोप में बर्खास्त कर दिया। इसी प्रकार पटना से सटे इलाके मोकामा में पांच दिन पूर्व हत्या की झूठी खबर उड़ी और एक टीवी न्यूज चैनल ने इसे ब्रेकिंग करते हुये चला दिया। यह खबर भी झूठी निकली। इसी खबर को लेकर दूसरे न्यूज चैनल के वरिष्ठों ने अपने रिपोर्टर को इसलिए बर्खास्त करने की धमकी दे डाली क्योंकि उसने इस खबर की पुष्टि करने और टीवी पर चलाने से मना कर दिया था। बाद में सच्चाई का पता चलने पर चैनल वाले चुप्पी साध गए।