प्रशासन ने 12 टीवी चैनलों पर रोक के आदेश में आंशिक रूप से ढील दी : जम्मू के प्रशासन ने 12 टीवी चैनलों पर रोक का आदेश जारी कर दिया, लेकिन लोगों के विरोध के कारण उसे आंशिक रूप से इस आदेश को वापस लेना पड़ा। अब इन चैनलों में से धार्मिक चैनल दिखाए जा रहे हैं, लेकिन विदेशी खबरिया चैनलों पर रोक जारी है।
अनिवार्य तौर पर ये सभी चैनल इस्लामिक थे जिन पर रोक लगाई गई। इनमें से कुछ पाकिस्तान के टीवी चैनल थे। प्रशासन ने इस आदेश के पीछे हमेशा की तरह सुरक्षा कारणों का हवाला दिया और कहा कि ये आदेश सूचना और प्रसारण मंत्रालय से आए हैं। कुरान टीवी और पीटीवी जैसे चैनल तो दिल्ली में भी प्रसारित होते हैं, फिर इनसे जम्मू में ही सुरक्षा को खतरा क्यो है?
दूसरे, यदि सरकार इन चैनलों से वास्तव में इसलिए सुरक्षा को खतरा महसूस करती है क्योंकि उसकी नजर में ये सांप्रदायिक हैं, तो क्यों नहीं इसी तर्ज पर आस्था, संस्कार और हिंदू धर्म प्रचारक चैनलों पर कार्रवाई की जाती? लोकतंत्र में यदि अतियों की जगह नहीं होती, तो दोनों अतियों पर कार्रवाई की दरकार है वरना सरकार की मौजूदा कार्रवाई घाटी में सिर्फ असंतोष को बढ़ाने का काम करेगी। इससे यदि संदेश जाएगा कि सरकार का मूल चरित्र मुस्लिम विरोधी है। साभार : दैनिक भास्कर