: संख्या पर कोई बंदिश नहीं : पैरामीटर्स बदले जाएंगे : लाइसेंस में ज्यादा पैसे लगेंगे : ट्राई, जो देश में प्रसारण क्षेत्र पर नजर रखने वाली संस्था है, ने कई सिफारिशें की हैं.
अपलिंकिंग – डाउनलिंकिंग की मंजूरी की फीस बढ़ाने और इसे हर साल वसूलने को कहा है. अपलिंकिंग – डाउनलिंकिंग की इजाजत की अवधि दस वर्षों के लिए एक समान रहेगी. ‘ट्रांसफर ऑफ परमीशन’ की इजाजत न मिलेगी. न्यूज – करंट अफेयर्स चैनलों के लिए आवेदन करने वाली कंपनी के किसी एक व्यक्ति को प्रतिष्ठित मीडिया कंपनी में वरिष्ठ मैनेजमेंट पद पर 10 वर्षों का अनुभव होना चाहिए. अन्य चैनलों के मामले में अनुभव की यह सीमा पांच वर्ष की हो सकती है.
ट्राई ने कहा कि टीवी चैनलों के अपलिंकिंग/डाउनलिंकिंग के लिए इजाजत करने वाले आवेदन पर जल्द विचार कर तीन महीने में फैसला कर लिया जाए. इसके लिए सूचना-प्रसारण मंत्रालय में सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम बनाना होगा. ट्राई ने देश में टीवी चैनलों की संख्या पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस निर्णय ने रोक ज्यादा चैनल हो जाने और स्पेक्ट्रम कम होने के कारण नए चैनलों की मंजूरी न मिलने की पूर्व की स्थिति को खत्म कर दिया है.
कुछ महीनों पहले मंत्रालय ने भारत में अपलिंकिंग-डाउनलिंकिंग की इजाजत के लिए नए आवेदन सस्पेंड कर दिया था. ट्राई ने साफ कह दिया है कि चैनलों की कुल संख्या पर कोई बंदिश लगाने का कोई मतलब नहीं है. हां, चैनलों के रजिस्ट्रेशन के लिए पैरामीटर्स को बदला जा सकता है.
chetan sahni
July 29, 2010 at 5:43 pm
sir isse ham journalists ka hi fayeda hai jo dhakke kha rahe hain
M Taneja
August 4, 2010 at 6:58 am
This step will reduce the delaying process and will open more options for media jobs.Looking for the new updates.