Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

गंदे धंधे से बाहर निकला एनडीटीवी

नारायण मूर्ति एनडीटीवी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स से अलग हुए : एनडीटीवी से दो बड़ी खबरें हैं। पहली तो यह कि इंफोसिस फेम नारायण मूर्ति ने खुद को अब एनडीटीवी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स से अलग कर लिया है। ऐसा उन्होंने बोर्ड के काम के लिए समय न दे पाने और अपनी अन्य जिम्मेदारियों के चलते किया है। एनडीटीवी के निदेशक मंडल में नारायण मूर्ति 2004 में गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुए थे। एनडीटीवी के बोर्ड में अब कौन-कौन लोग बचे हैं, यह जानने के लिए आप एनडीटीवी की वेबसाइट के इस पेज पर जा सकते हैं- डायरेक्टर्स। दूसरी खबर यह है कि एनडीटीवी ने विज्ञापन दिखाने के एवज में विज्ञापनदाता कंपनियों की इक्विटी लेने की प्रथा से खुद को अलग करने का ऐलान कर दिया है। इस धंधे को अंग्रेजी में ‘एड फार इक्विटीज बिजनेस’ कहा जाता है। यह धंधा तब पनपा जिन दिनों बाजार का माहौल बम-बम हुआ करता था।

<p align="justify"><strong><font color="#808080">नारायण मूर्ति एनडीटीवी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स से अलग हुए : </font></strong>एनडीटीवी से दो बड़ी खबरें हैं। पहली तो यह कि इंफोसिस फेम नारायण मूर्ति ने खुद को अब एनडीटीवी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स से अलग कर लिया है। ऐसा उन्होंने बोर्ड के काम के लिए समय न दे पाने और अपनी अन्य जिम्मेदारियों के चलते किया है। एनडीटीवी के निदेशक मंडल में नारायण मूर्ति 2004 में गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुए थे। एनडीटीवी के बोर्ड में अब कौन-कौन लोग बचे हैं, यह जानने के लिए आप एनडीटीवी की वेबसाइट के इस पेज पर जा सकते हैं- <a href="http://www.ndtv.com/convergence/ndtv/corporatepage/board_dir.aspx" target="_blank">डायरेक्टर्स</a>। दूसरी खबर यह है कि एनडीटीवी ने विज्ञापन दिखाने के एवज में विज्ञापनदाता कंपनियों की इक्विटी लेने की प्रथा से खुद को अलग करने का ऐलान कर दिया है। इस धंधे को अंग्रेजी में 'एड फार इक्विटीज बिजनेस' कहा जाता है। यह धंधा तब पनपा जिन दिनों बाजार का माहौल बम-बम हुआ करता था। </p>

नारायण मूर्ति एनडीटीवी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स से अलग हुए : एनडीटीवी से दो बड़ी खबरें हैं। पहली तो यह कि इंफोसिस फेम नारायण मूर्ति ने खुद को अब एनडीटीवी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स से अलग कर लिया है। ऐसा उन्होंने बोर्ड के काम के लिए समय न दे पाने और अपनी अन्य जिम्मेदारियों के चलते किया है। एनडीटीवी के निदेशक मंडल में नारायण मूर्ति 2004 में गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुए थे। एनडीटीवी के बोर्ड में अब कौन-कौन लोग बचे हैं, यह जानने के लिए आप एनडीटीवी की वेबसाइट के इस पेज पर जा सकते हैं- डायरेक्टर्स। दूसरी खबर यह है कि एनडीटीवी ने विज्ञापन दिखाने के एवज में विज्ञापनदाता कंपनियों की इक्विटी लेने की प्रथा से खुद को अलग करने का ऐलान कर दिया है। इस धंधे को अंग्रेजी में ‘एड फार इक्विटीज बिजनेस’ कहा जाता है। यह धंधा तब पनपा जिन दिनों बाजार का माहौल बम-बम हुआ करता था।

उन दिनों रोज कई नई कंपनियां पैदा हुआ करती थीं और मीडिया कवरेज के सहारे अच्छा खासा पैसा बाजार से उगाह लिया करती थीं। तब एचटी, टीओआई और जागरण समूह की कंपनियों ने विज्ञापन छपवाने वाली कंपनियों के साथ ‘एड फार इक्विटीज डील’ करना शुरू किया। मतलब, कंपनी में हिस्सेदारी दो, मुफ्त में विज्ञापन छपवाओ। इस तरह मीडिया मालिकों को बैठे-बिठाए दूसरी कंपनियों का मालिकाना हक मिलने लगा। इस ट्रेंड में बाद में एनडीटीवी भी शामिल हो गया। पत्रकारिता की शुचिता के समर्थकों ने इस प्रवृत्ति की आलोचना भी की। कहा गया कि जिस कंपनी में मीडिया हाउस की इक्विटी या किसी तरह की कोई आर्थिक रुचि है तो उस कंपनी की करतूतों के बारे में नकारात्मक खबरें वह मीडिया हाउस कैसे प्रकाशित कर सकता है। मीडिया हाउसों ने  ‘एड फार एक्विटीज बिजनेस’ का यह कहकर बचाव किया कि उनके यहां संपादकीय और बिजनेस विभाग अलग-अलग होते हैं और दोनों एक दूसरे के काम में कतई दखल नहीं देते, दूसरा, डील करते वक्त कभी उन कंपनियों से यह सौदा नहीं किया जाता है कि उनका सिर्फ पाजिटिव कवरेज ही किया जाएगा।

जो भी हो, यह धंधा तो गंदा है ही लेकिन बड़े-बड़े लोगों की बड़ी-बड़ी बातें। कोट-टाई पहनकर ये मीडिया मालिक जो करें सब वैध और सही, घुरहू-कतवारू टाइप लोग थोड़ा भी दाएं-बाएं करें तो अवैध और चोर करार दिए जाते हैं। खैर, इस गंदे धंधे से बाहर निकलने पर एनडीटीवी की जमकर सराहना की जानी चाहिए। 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement