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सहारा टीवी कर्मियों की सेलरी कटी, 25 बाहर होंगे

मंदी के शोर में दूसरे मीडिया हाउसों की देखा-देखी सहारा ग्रुप भी बहती गंगा में हाथ धोने में जुट गया है, लेकिन थोड़े अलग तरीके से। इस महीने सहारा टीवी के सैकड़ों मीडियाकर्मियों को कम सेलरी मिली है। 25 टीवी पत्रकारों को बाहर जाने का इशारा कर दिया गया है। शुरुआत सेलरी कटौती प्रकरण से। इस महीने सहारा के सैकड़ों टीवी पत्रकारों को दो हजार से लेकर दस हजार रुपये तक कम सेलरी मिली है। बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक सेलरी कटने से सभी स्तब्ध हैं। ये लोग आज आफिस पहुंचे तो बजाय न्यूज रुम में घुसने के,  सीधे एचआर डिपार्टमेंट की ओर बढ़े। यहां कम सेलरी मिलने की शिकायत की। जवाब मिला, अब परफारमेंस के आधार पर सेलरी देने की व्यवस्था की गई है। आप का परफारमेंस ठीक नहीं था इसलिए सेलरी में कटौती कर दी गई होगी।

<p align="justify">मंदी के शोर में दूसरे मीडिया हाउसों की देखा-देखी सहारा ग्रुप भी बहती गंगा में हाथ धोने में जुट गया है, लेकिन थोड़े अलग तरीके से। इस महीने सहारा टीवी के सैकड़ों मीडियाकर्मियों को कम सेलरी मिली है। 25 टीवी पत्रकारों को बाहर जाने का इशारा कर दिया गया है। शुरुआत सेलरी कटौती प्रकरण से। इस महीने सहारा के सैकड़ों टीवी पत्रकारों को दो हजार से लेकर दस हजार रुपये तक कम सेलरी मिली है। बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक सेलरी कटने से सभी स्तब्ध हैं। ये लोग आज आफिस पहुंचे तो बजाय न्यूज रुम में घुसने के,  सीधे एचआर डिपार्टमेंट की ओर बढ़े। यहां कम सेलरी मिलने की शिकायत की। जवाब मिला, अब परफारमेंस के आधार पर सेलरी देने की व्यवस्था की गई है। आप का परफारमेंस ठीक नहीं था इसलिए सेलरी में कटौती कर दी गई होगी। </p>

मंदी के शोर में दूसरे मीडिया हाउसों की देखा-देखी सहारा ग्रुप भी बहती गंगा में हाथ धोने में जुट गया है, लेकिन थोड़े अलग तरीके से। इस महीने सहारा टीवी के सैकड़ों मीडियाकर्मियों को कम सेलरी मिली है। 25 टीवी पत्रकारों को बाहर जाने का इशारा कर दिया गया है। शुरुआत सेलरी कटौती प्रकरण से। इस महीने सहारा के सैकड़ों टीवी पत्रकारों को दो हजार से लेकर दस हजार रुपये तक कम सेलरी मिली है। बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक सेलरी कटने से सभी स्तब्ध हैं। ये लोग आज आफिस पहुंचे तो बजाय न्यूज रुम में घुसने के,  सीधे एचआर डिपार्टमेंट की ओर बढ़े। यहां कम सेलरी मिलने की शिकायत की। जवाब मिला, अब परफारमेंस के आधार पर सेलरी देने की व्यवस्था की गई है। आप का परफारमेंस ठीक नहीं था इसलिए सेलरी में कटौती कर दी गई होगी।

उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एचआर की तरफ से बताया गया कि सहारा के तीन चैनलों का परफारमेंस ठीक था, इसलिए इनके इंप्लाइज की सेलरी नहीं कटी लेकिन बाकी तीन चैनलों का प्रदर्शन अच्छा न होने से इन्हें भुगतना पड़ा। सेलरी काटने का पैमाना पूछे जाने पर एचआर का कहना था कि जो इनक्रीमेंट हुए हैं,  उसका फिफ्टी परसेंट काटा गया है। तभी मामला सहारा के एक महिला एंकर का पहुंचा। उन्हें इनक्रीमेंट आठ हजार रुपये मिला था, सेलरी कट गई दस हजार। एचआर का कहना था कि यह गलती से हो गया लगता है, संभवतः दो लिस्ट में इनका नाम आने से डबल कटौती कर दी गई। इस विसंगति को ठीक करने का आश्वासन दिया गया। 

सूत्रों के अनुसार, जिन चैनलों का प्रदर्शन अच्छा बताया गया उनके नाम हैं- सहारा समय यूपी-उत्तराखंड, सहारा समय एमपी-सीजी और सहारा समय बिहार-झारखंड। जिनका प्रदर्शन खराब माना गया, वे हैं- समय (नेशनल), सहारा समय एनसीआर और सहारा समय मुंबई। सूत्रों के मुताबिक कुछ लोगों ने पूछा कि समय का इन दिनों काफी अच्छा प्रदर्शन है, टीआरपी भी लगातार बढ़ रही है, ऐसे में किस पैमाने पर इस चैनल को खराब की कैटगरी में डाला गया? एचआर के लोगों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सेलरी काटने से पहले नए पैरामीटर्स के बारे में सूचित करना चाहिए था। चुपचाप सेलरी काट लेना पीड़ित पत्रकारों के गले नहीं उतर रहा है।

सहारा से दूसरी खबर ये है कि यहां 25 टीवी कर्मियों को बाहर जाने का इशारा कर दिया गया है। इसे छंटनी माना जा रहा है। ये 25 लोग प्रोग्रामिंग और प्रोमो से जुड़े हैं। प्रोग्रामिंग की जिस टीम को वर्तिका नंदा हेड करती थी, उसमें 13 लोग हैं। इसी तरह प्रोमो की टीम भी 12-13 लोगों की है। इन सभी से कह दिया गया है कि वे अपनी व्यवस्था कर लें। इन्हें इस महीने का मौका दिया गया है। अगले महीने इन्हें तीन महीने की एडवांस सेलरी देकर विदा करने की बात कही गई है। उल्लेखनीय है कि वर्तिका नंदा जब सहारा में आईं थीं तो सहारा के विभिन्न चैनलों के 12 लोगों को मिलाकर प्रोग्रामिंग की एक टीम बनाई गई थी।

वर्तिका के जाते ही इनसे कह दिया गया है कि आप लोग जिन चैनलों से आए थे उनके हेड से बात कर लें। अगर वे आपको अपने यहां रख लेते हैं तो ठीक अन्यथा अपनी नई व्यवस्था करिए। सूत्रों का कहना है कि यह छंटनी सिर्फ 25 लोगों तक ही नहीं रुकने वाली। एक कमेटी चुपचाप रिव्यू कर रही है। वह दो-तीन महीनों में एक लिस्ट प्रबंधन को सौंपेगी जिसके आधार पर ढेर सारे लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।

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