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बड़ी बहन चल बसी, डायरी में दो वर्ष पहले लिख दिया था- MY END

सात महीने बाद अपने घर से निकाली गईं दो बहनों में से बड़ी बहन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है. अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक बड़ी बहन अनुराधा की आज सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर मौत हो गई. दोनों बहनों को मंगलवार को कैलाश अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. चार्टर्ड एकाउंटेंसी की पढाई कर चुकी अनुराधा की उम्र 42 साल थी जबकि छोटी बहन सोनाली की हालत भी खराब है.

<p style="text-align: justify;">सात महीने बाद अपने घर से निकाली गईं दो बहनों में से बड़ी बहन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है. अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक बड़ी बहन अनुराधा की आज सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर मौत हो गई. दोनों बहनों को मंगलवार को कैलाश अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. चार्टर्ड एकाउंटेंसी की पढाई कर चुकी अनुराधा की उम्र 42 साल थी जबकि छोटी बहन सोनाली की हालत भी खराब है.</p>

सात महीने बाद अपने घर से निकाली गईं दो बहनों में से बड़ी बहन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है. अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक बड़ी बहन अनुराधा की आज सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर मौत हो गई. दोनों बहनों को मंगलवार को कैलाश अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. चार्टर्ड एकाउंटेंसी की पढाई कर चुकी अनुराधा की उम्र 42 साल थी जबकि छोटी बहन सोनाली की हालत भी खराब है.

इन दोनों बहनों ने सात महीनों से खुद को घर में कैद कर लिया था. इस दौरान दोनों ने खाना भी बहुत कम खाया था. कल जब दोनों को घर से निकाला गया तो बड़ी बहन अनुराधा के मुंह और आंत से खून का रिसाव हो रहा था. फिलहाल छोटी बहन सोनाली का इलाज चल रहा है. दरअसल पीएचडी कर चुकीं दोनों बहनें पिता की मृत्यु के बाद गहरे अवसाद की शिकार हो गईं. लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दिया और सात महीने तक घर में खुद को कैद रखा. पुलिस के मुताबिक अनुराधा बहल की उम्र 42 वर्ष थी और उनकी बहन सोनाली की उम्र 38 वर्ष है. उन्होंने दो साल पहले अपने पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) ओ पी बहल की मृत्यु के बाद पिछले सात महीनों से नोएडा के पॉश सेक्टर-29 स्थित अपने मकान संख्या-326 में खुद को बंद कर रखा था. उनकी मां की मृत्यु पहले ही हो गई थी.

सवाल ये है कि खुद के घर को नर्क में तब्दील करने वाली दोनों बहनें आखिर क्या सोचती थीं, आखिर क्यों उन्होंने अपने आशियाने को मौत की कोठरी में तब्दील कर लिया. किस चीज से दोनों बहनें डरती थीं. आखिर उनके डिप्रेशन का कारण क्या थी? सोनाली की डायरी पूरी कहानी बयां कर रही है. सोनाली ने अपनी डायरी में अपने दिल का हाल लिखा है… अपनी डायरी के पहले पन्ने पर सोनाली ने लिखा है…

MY END

ONLY ANURADHA AND VIPIN

NO PHONE CALLS

ये बातें सोनाली ने 15 सितंबर 2009 को लिखा था. साफ है सोनाली को अपना अंत नजर आ रहा था. उसके अंदर जीने की कोई तमन्ना नहीं बची थी. उसकी जिंदगी में दो ही लोग थे अनुराधा और विपिन. साथ ही अनुराधा ने लिखा है कि उसे कोई फोन नहीं करता था, वो अकेली रह गई थी. अपनी डायरी के दूसरे पन्ने में सोनाली ने जो चार शब्द लिखे हैं वो उसकी मनोदशा के साफ-साफ बयां करते हैं. सोनाली ने लिखा है …

UNIDENTIFIED NUMBERS

NOT SATISFIED

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INFERIORITY COMPLEX

BLACK MAGIC

यानि सोनाली को कुछ अनजाने नंबर से कॉल्स आ रहे थे, सोनाली अपनी जिंदगी से खुश नहीं थी. इतना ही नहीं, सोनाली के अंदर INFERIORITY COMPLEX था, जिसके बारे में उसने अपनी डायरी में लिखा है. सबसे महत्वपूर्ण बात उसने BLACK MAGIC लिखा है. जी हां, सोनाली काले जादू से डरती थी. उसे लगता था कि उसके रिश्तेदारों ने दोनों बहनों पर काला जादू कर दिया है.

कैलाश अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सक सारिका चंद्रा के मुताबिक विटामिन की खुराक नहीं मिलने के कारण अनुराधा के कई अंग अत्यधिक कमजोर हो चुके थे. डॉक्टर के मुताबिक सोनाली भी गहरे अवसाद की शिकार है. पुलिस अधीक्षक अनंत देव ने कहा कि पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस वहां पहुंची और दोनों बहनों द्वारा दरवाजा खोलने से इंकार करने पर पुलिस ने दरवाजा तोड़कर दोनों को बाहर निकाला.

सेक्टर-20 पुलिस थाना के निरीक्षक विजय प्रकाश ने कहा कि दोनों बहनों के छोटे भाई विपिन बहल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ बैंगलोर में रहते हैं. वह और उनके मामा दोनों बहनों का ध्यान रखते थे, लेकिन गहरे अवसाद में होने के कारण दोनों बहन उनके साथ सहयोग नहीं कर रही थीं. अधिकारी ने कहा कि इस स्थिति से दोनों बहनें अकेले पड़ गईं. उनके अकेलेपन को देखते हुए रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अधिकारियों ने पहले उनके घर का दरवाजा खुलवाने की कोशिश की. इसमें असफल रहने के बाद उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता ऊषा ठाकुर से सम्पर्क किया. दोनों बहनों ने अपने साथ एक कुत्ता रखा था, जिसकी मृत्यु करीब ढाई महीने पहले हो गई थी.

अनुराधा ने चार्टर्ड एकाउंटेंसी की शिक्षा पूरी करने के बाद पीएचडी भी की, लेकिन माता-पिता की मृत्यु के बाद उसने प्रैक्टिस करना छोड़ दिया था. सोनाली ने इतिहास विषय से पीएचडी की है. पुलिस को सूचना देने वाली सामाजिक कार्यकर्ता ऊषा ठाकुर ने बताया कि जैसे ही दरवाजा खोला गया, बदबू से सभी लोगों को उबकाई आने लगी. बड़ी बहन अर्धनग्न अवस्था में बिस्तर पर पड़ी थी. वह बोल नहीं पा रही थी और न ही समझ पा रही थी कि क्या हो रहा है, इसलिए मैंने कैलाश अस्पताल से सम्पर्क किया. दरवाजा खुलते ही दोनों बहनों ने पानी मांगा था.

मनोचिकित्सक संदीप वोहरा के अनुसार, यह अत्यधिक भावनात्मक अलगाव का मामला हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह अत्यधिक अवसाद या अवसाद बढ़ाने वाले कुछ मनोरोग सम्बंधी तत्वों के कारण हो सकता है. निश्चित रूप से दोनों बेटियां पिता के बहुत करीब रही होंगी और वह उनके सभी फैसले लेते होंगे. वोहरा के अनुसार यह ऐसे लोगों के साथ भी हो सकता है, जो बहुत अंतर्मुखी होते हैं. साभार : डेटलाइन इंडिया

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