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दुख-दर्द

यूएनआई के पत्रकार की शिकायत, पीटीआई वाला फंसा

देश की जानी-मानी दो न्यूज एजेंसियों के पत्रकारों के बीच ठन गई है। मसला लखनऊ का है। यूएनआई के न्यूज कोआर्डिनेटर संजय भटनागर और रिपोर्टर मनोज भद्रा के खिलाफ एक गुमनाम मेल लखनऊ के पत्रकारों को भेजा गया। इसमें आरोप लगाया गया कि इन दोनों पत्रकारों ने अनिल अंबानी के दादरी गैस प्रोजेक्ट के पक्ष में खबर रिलीज करने के एवज में 70 हजार रुपये लिए। मेल भेजने वाले का नाम-पता कुछ नहीं था, सिर्फ मेल आईडी थी, जिससे पता नहीं चल सकता कि मेल किसने किया। अनर्गल आरोप से दुखी यूएनआई के पत्रकारों ने इसकी लिखित शिकायत एसटीएफ से कर दी। एसटीएफ ने जांच-पड़ताल में पाया कि मेल भेजने वाला बंदा पीटीआई का बंदा है।

<p align="justify">देश की जानी-मानी दो न्यूज एजेंसियों के पत्रकारों के बीच ठन गई है। मसला लखनऊ का है। यूएनआई के न्यूज कोआर्डिनेटर संजय भटनागर और रिपोर्टर मनोज भद्रा के खिलाफ एक गुमनाम मेल लखनऊ के पत्रकारों को भेजा गया। इसमें आरोप लगाया गया कि इन दोनों पत्रकारों ने अनिल अंबानी के दादरी गैस प्रोजेक्ट के पक्ष में खबर रिलीज करने के एवज में 70 हजार रुपये लिए। मेल भेजने वाले का नाम-पता कुछ नहीं था, सिर्फ मेल आईडी थी, जिससे पता नहीं चल सकता कि मेल किसने किया। अनर्गल आरोप से दुखी यूएनआई के पत्रकारों ने इसकी लिखित शिकायत एसटीएफ से कर दी। एसटीएफ ने जांच-पड़ताल में पाया कि मेल भेजने वाला बंदा पीटीआई का बंदा है। </p>

देश की जानी-मानी दो न्यूज एजेंसियों के पत्रकारों के बीच ठन गई है। मसला लखनऊ का है। यूएनआई के न्यूज कोआर्डिनेटर संजय भटनागर और रिपोर्टर मनोज भद्रा के खिलाफ एक गुमनाम मेल लखनऊ के पत्रकारों को भेजा गया। इसमें आरोप लगाया गया कि इन दोनों पत्रकारों ने अनिल अंबानी के दादरी गैस प्रोजेक्ट के पक्ष में खबर रिलीज करने के एवज में 70 हजार रुपये लिए। मेल भेजने वाले का नाम-पता कुछ नहीं था, सिर्फ मेल आईडी थी, जिससे पता नहीं चल सकता कि मेल किसने किया। अनर्गल आरोप से दुखी यूएनआई के पत्रकारों ने इसकी लिखित शिकायत एसटीएफ से कर दी। एसटीएफ ने जांच-पड़ताल में पाया कि मेल भेजने वाला बंदा पीटीआई का बंदा है।

पीटीआई कर्मी ने अपने घर से यह मेल भेजी थी। एसटीएफ ने मेल भेजने वाले पीटीआई कर्मी का नाम, पता सब यूएनआई वालों को बता दिया है। एसटीएफ ने पीटीआई कर्मी के खिलाफ कार्रवाई के लिए यूएनआई के पत्रकारों से जरूरी कागजात ले लिए हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस जल्द ही पीटीआई कर्मी के खिलाफ उचित धाराओं में कार्रवाई करेगी।

उधर, यूएनआई प्रबंधन ने पीटीआई प्रबंधन से इस हरकत की शिकायत की है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि पीटीआई प्रबंधन ने अपने आरोपी कर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई की है या नहीं। ज्ञात हो कि पिछले महीने 17 तारीख को यूएनआई ने दादरी प्रोजेक्ट मामले पर खबर जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि एक तरफ पूरा उत्तर प्रदेश भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है, दूसरी तरफ उद्योगपति अनिल अंबानी के दादरी प्रोजेक्ट को गैस आपूर्ति न किए जाने से विद्युत उत्पादन नहीं हो पा रहा है। पिछले पांच सालों से यह प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ है। इसी खबर के लिए यूएनआई के पत्रकारों पर पैसे लेकर खबर रिलीज करने का तथ्यहीन आरोप लगाया गया। बताया जा रहा है कि कुछ लोग बीच-बचाव कर इस मामले को खत्म करने में भी लगे हैं ताकि पत्रकारों का आपसी मामला पुलिस तक न जा सके। इसके लिए मेल भेजने वाले से माफी मंगाने और आगे से ऐसी गलती न करने का भरोसा देने की बात कही जा रही है। 

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