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अश्लील विज्ञापन छापने वालों को सजा दें

[caption id="attachment_15613" align="alignleft"]राज एक्सप्रेस, भोपाल में 21 अगस्त को प्रकाशित एक विज्ञापनराज एक्सप्रेस, भोपाल में 21 अगस्त को प्रकाशित एक विज्ञापन[/caption]मध्य प्रदेश के पत्रकार संगठन वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने भोपाल के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अश्लील विज्ञापन प्रकाशित करने वाले अखबारों के खिलाफ आपत्तिजनक विज्ञापन अधिनियम के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का अनुरोध किया है। यूनियन की तरफ से अध्यक्ष राधा वल्लभ शारदा द्वारा लिखित पत्र में कहा गया है- ”भोपाल से छपने वाले कुछ समाचार पत्रों (कटिंग संलग्न) द्वारा लगातार अश्लील विज्ञापन प्रकाशित किए जा रहे हैं। समाचार पत्रों का यह कृत्य समाज की मर्यादा के खिलाफ है। समाचार पत्रों के पाठक वर्ग में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल होते हैं जिन पर इस प्रकार के विज्ञापन का विपरीत असर पड़ता है।

राज एक्सप्रेस, भोपाल में 21 अगस्त को प्रकाशित एक विज्ञापन

राज एक्सप्रेस, भोपाल में 21 अगस्त को प्रकाशित एक विज्ञापनमध्य प्रदेश के पत्रकार संगठन वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने भोपाल के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अश्लील विज्ञापन प्रकाशित करने वाले अखबारों के खिलाफ आपत्तिजनक विज्ञापन अधिनियम के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का अनुरोध किया है। यूनियन की तरफ से अध्यक्ष राधा वल्लभ शारदा द्वारा लिखित पत्र में कहा गया है- ”भोपाल से छपने वाले कुछ समाचार पत्रों (कटिंग संलग्न) द्वारा लगातार अश्लील विज्ञापन प्रकाशित किए जा रहे हैं। समाचार पत्रों का यह कृत्य समाज की मर्यादा के खिलाफ है। समाचार पत्रों के पाठक वर्ग में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल होते हैं जिन पर इस प्रकार के विज्ञापन का विपरीत असर पड़ता है।

समाचार पत्रों द्वारा अश्लील विज्ञापन का प्रकाशन आपत्तिजनक विज्ञापन अधिनियिम (ड्रग्स एवं मैजिक एक्ट) 1954 का उल्लंघन है।  इसके दंडात्मक प्रावधानों में बताया गया है कि पहली बार ऐसे अपराध के लिए दोषी को छह माह की कैद और जुर्माने की सजा दी जा सकेगी। इसी प्रकार दूसरी बार इस अपराध के होने पर एक साल की कैद और जुर्माने की सजा दी जा सकेगी। ऐसे विज्ञापनों को आपराधिक कृत्य मानकर इनके खिलाफ ड्रग्स एवं मैजिक एक्ट 1954 के तहत कार्यवाही का अधिकार जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ अनुविभागीय दंडाधिकारी व उप पुलिस अधीक्षकों को दिए गए हैं। आपके इन्हीं अधिकारों की याद दिलाते हुए आपसे आग्रह है कि संलग्न समाचार पत्रों के मालिक संपादक पर दंडात्मक प्रकरण दर्ज करें।” पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल और पुलिस महानिदेशक, भोपाल को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश के लिए भेजा गया है।

भोपाल के अखबारों द्वारा छापे गए अश्लील विज्ञापनों को देखने के लिए क्लिक करें- विज्ञापन

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