उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति (यूपीएसएसीसी) के रविवार को होने वाले चुनाव से पूर्व लखनऊ में पत्रकारों की गुटबाजी तेज हो गई है। अपने-अपने समर्थन में वोट हासिल करने के लिए दावतों के दौर शुरू हो गए हैं। वोटिंग कल सुबह 11 बजे से विधानभवन में शुरू होगी। सभी लोग अपने-अपने खेमे की जीत का दावा कर रहे हैं। आज दोपहर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लगभग 60 पत्रकारों ने बैठक करके अध्यक्ष पद के लिए हेमंत तिवारी, कोषाध्यक्ष पद के लिए हेमंत मैथिल और सचिव पद के लिए अनुराग त्रिपाठी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। अध्यक्ष पद के दूसरे प्रत्याशी भी इसी तरह के बैठक आयोजित करवाने में जुटे हैं।
इस बीच में चुनाव की जिम्मेदारी संभाले निर्वाचन अधिकारी जेपी शुक्ला के एक फैसले से बड़ी संख्या में पत्रकार भड़क गये हैं और उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया है। जेपी शुक्ला ने आदेश जारी किया है कि दिसंबर माह के आखिरी सप्ताह में हुई मान्यताओं को मतदान में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा। इसके चपेट में आने वाले पत्रकारों का कहना है कि जब सूचना विभाग अधिकृत रूप से मान्यताप्राप्त पत्रकारों की सूची दे रहा है तो उस सूची में शामिल सभी पत्रकारों को मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति देनी चाहिए और यदि ऐसा नहीं होता है तो यह स्पष्ट होगा कि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से नहीं पूरी हो पा रही है। हालांकि निर्वाचन अधिकारी श्री जेपी शुक्ला ने अभी तक इस संबंध में अंतिम निर्णय की घोषणा नहीं की है। वीक एंड टाइम्स के संपादक संजय शर्मा ने इस संबंध में श्री शुक्ल को विस्तार से एक पत्र भी लिखा है। संजय शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी आपत्ति श्री शुक्ल को फोन एवं लिखित में दे दी है। श्री शुक्ल ने आश्वस्त किया है कि वह नियमानुसार ही काम करेंगे।
संजय शर्मा द्वारा भेजा गया पत्र इस प्रकार है..