रात की पारी में काम करने वाले मीडियाकर्मियों को सलाह- एटीएम कार्ड लेकर न चलना : महुआ न्यूज के प्रोड्यूसर विद्युत प्रकाश मौर्य कल रात एक बजे नोएडा स्थित आफिस से काम खत्म कर घर के लिए निकले. गाजियाबाद में डीएलएफ दिलशाद एक्सटेंशन में कुछ महीनों पहले अपने नए खरीदे मकान में रह रहे विद्युत ज्योंही कालोनी के मेन गेट पर पहुंचे, पिस्तौल-चाकू से लैस बदमाश प्रकट हुए. विद्युत बाइक पर थे. बदमाशों ने बाइक की चाभी ले ली. जेब-शरीर पर जो मिला, निकाल लिया. मोबाइल, पर्स, एटीएम कार्ड, सोने-चांदी की अंगूठियां… सब कुछ निकाल लिया. इसके बाद बदमाश विद्युत को बगल की गली की ओर गन प्वाइंट पर ले गए. बदमाशों ने कहा- एटीएम का सही पासवर्ड बताओ या गोली खाओ.
बदमाशों ने कहा- हमारे दो लोग एटीएम कार्ड लेकर बैंक जाएंगे. तुम यहीं हम लोगों के साथ रहोगे. अगर गलत पासवर्ड बताया तो हमारे साथी हमें फोन से सूचित करेंगे और तुम्हें यहीं गोली मारकर ढेर कर देंगे. इतनी बात सुनने के बाद विद्युत ने बिना आनाकानी किए अपने एटीएम का सही-सही पासवर्ड बता दिया. दो बदमाश एटीएम कार्ड लेकर बाइक से पैसे निकालने चले गए और दो बदमाश विद्युत को गन प्वाइंट पर लिए गली में खड़े रहे. इसी बीच संयोग देखिए की पुलिस की पीसीआर वैन आ गई. तीन लोगों को संदिग्ध अवस्था में खड़ा देख पुलिसवालों ने दौड़ाया तो बदमाश विद्युत को छोड़कर भाग निकले. पुलिस ने विद्युत से पूरी कहानी जानने के बाद बदमाशों का पीछा किया लेकिन इंडियन पुलिस के हत्थे बदमाश रंगेहाथ बहुत कम चढ़ते हैं. सो, बदमाश भाग निकले. पुलिस वाले विद्युत को गाड़ी पर बिठाकर एटीएम की ओर ले गए. एटीएम पर भी कोई बदमाश नहीं मिला.
इसी बीच, विद्युत ने अपने एटीएम कार्ड प्रोवाइडर बैंक को फोन करके कार्ड को ब्लाक करा दिया. लेकिन तब तक बदमाश अपना काम कर चुके थे. बदमाशों ने तीन-तीन अलग-अलग बैंकों के एटीएम से करीब चौबीस हजार रुपये निकाल चुके थे. विद्युत का सेलरी एकाउंड एचडीएफसी में है और उनके पास इसी एकाउंट का एटीएम कार्ड था. बदमाशों ने दो बैंकों से दस-दस हजार और एक बैंक से चार हजार रुपये निकाले थे. तो बंधु, जान लीजिए, एटीएम कार्ड लेकर चलना खतरे से खाली नहीं है. पहले कहा जाता था कि रुपये लेकर चलना खतरे से खाली नहीं है, उसकी जगह एटीएम कार्ड लेकर चलना चाहिए. पर अब तो एटीएम कार्ड का सही पासवर्ड न बताने पर गोली खाने का भी खतरा पैदा हो गया है. देखना है कि पत्रकार के साथ हुए इस भयानक लूटपाट का खुलासा गाजियाबाद पुलिस कब तक कर पाती है. साहिबाबाद पुलिस में विद्युत ने रिपोर्ट लिखा दी है. पुलिस वाले कई राउंड उनके घर आकर सब कुछ जान-पूछ कर जा चुके हैं.
यहां यह बता दें कि महुआ की तरफ से रात की पारी के कर्मियों के लिए ड्रापिंग फेसिलिटी है पर विद्युत अपनी बाइक से आना-जाना इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि वे अपने साधन से 30 मिनट में ही पहुंच जाते हैं. आफिस ड्रापिंग कैब से जाने पर गाड़ी औरों को छोड़ते हुए उन्हें उनके घर पहुंचाती है जिसमें कई घंटे लग जाते हैं. विद्युत प्रतिभावान और मेहनती युवा पत्रकारों में शुमार किए जाते हैं. कई अखबारों में काम करने के बाद विद्युत ने महुआ की लाचिंग टीम के सदस्य बने और आज तक टिके हुए हैं. विद्युत का मोबाइल लुटेरे ले गए, सो उनसे संपर्क इस नए नंबर 09654484150 के जरिए किया जा सकता है.
ambuj
January 14, 2010 at 4:34 pm
is tarah se kya kya lekar chalna band karenge ham hindustani.
kyu prashasan haath par haath dhare baitha hai.
kanoon ki dhajjiya udate ye log kab tak mauj karenge………………
aakhir hai koi iska jawab
gautam
January 15, 2010 at 12:36 pm
bhai ji, savdhani me hi surksha h. rajdhani apradh roj bad rhe.