हिन्दुस्तान, पटना की रीढ़ माने जाने वाले व क्राइम रिपोर्टिंग पर गहरी पकड़ रखने वाले वरीय कॉपी एडीटर विनायक विजेता ने बुधवार को त्यागपत्र दे दिया. विजेता ने त्यागपत्र की प्रति हिन्दुस्तान मीडिया लिमिटेड के वाइस प्रेसीडेंट वाईसी अग्रवाल और प्रधान संपादक शशि शेखर के पास भी भेजी है. हिन्दुस्तान, पटना के संपादक के व्यवहार से क्षुब्ध श्री विजेता ने संपादक को दो पेज में भेजे त्यागपत्र में कहा है कि वह सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकते. पत्र में यह भी लिखा गया है अब तक उनसे ज्यादा एक्सक्लूसिव और बाइलाइन खबरें किसी ने नहीं दी, पर उनके साथ लगातार नाइंसाफी और सौतेला व्यवहार किया गया. महत्वपूर्ण खबरों को, जिनका राष्ट्रीय महत्व है, को प्रकाशन से बेवजह रोक दिया जाता है.
पत्र में कुछ दिन पूर्व हुई एक मीटिंग की भी चर्चा की गई है. पत्र में संपादक को संबोधित करते हुए कहा गया है… ”आपको याद होगा कि पिछले सप्ताह हिन्दुस्तान प्रतिनिधि संजय कुमार के विवाह की बात 11 बजे की मीटिंग में हुई थी, आपने संजय को पार्टी देने की बात करते हुए कहा कि अगर तुम नहीं दे सकते तो विनायक को कह दो किसी पुलिस वाले को पकड़कर पार्टी का आयोजन करा देगा, तब भी मुझे काफी बुरा लगा था पर हमारा पारिवारिक संस्कार कभी यह इजाजत नहीं देता कि अपनों से बड़े या किसी मर्यादित व्यक्ति की बातों पर रिएक्ट करे, मैं कभी ऐसा पैसा नहीं चाहता जिसे समाज, मेरा परिवार या मेरे बच्चे हराम की कमाई समझें.”
बीते एक माह में संपादक के व्यवहार से क्षुब्ध होकर हिन्दुस्तान छोड़ने वाले दूसरे पत्रकार हैं विजेता. इसके पूर्व खेल डेस्क के प्रभारी नवीन चंद्र मनोज ने भी संपादक के व्यवहार से क्षुब्ध होकर हिन्दुस्तान से त्यागपत्र देकर प्रभात खबर ज्वाइन किया था. बताया जाता है कि हिन्दुस्तान, पटना में कार्यरत और कई वरीय पत्रकार संपादक अकु श्रीवास्तव के व्यवहार से क्षुब्ध हैं और जल्द ही ऐसे लोगों का समूह जिनकी संख्या दर्जन भर है, वो भी हिन्दुस्तान को टाटा बायबाय कर सकते हैं. विनायक विजेता अपनी अगली पारी किस अखबार के साथ शुरू करेंगे, इसका खुलासा नहीं हुआ है. भड़ास4मीडिया द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जहां सम्मान मिलेगा, वह वहीं जाएंगे.