श्रम विभाग में शिकायत कर कर्मियों ने दिया करारा जवाब : आंदोलन तोड़ने के लिए प्रबंधन कर्मचारी नेताओं को लुभाने में जुटा : वीओआई से कई तरह की सूचनाएं हैं। पहली सूचना तो यह कि इसके मालिक मित्तल बंधु कोर्ट से एक आदेश ले आए हैं जिसके मुताबिक कोई भी उनके आफिस और घर के 30 मीटर के इर्द-गिर्द कोई धरना प्रदर्शन नहीं कर सकता है। सूत्रों ने बताया कि कोर्ट को अंधेरे में रखकर यह आदेश लिया गया है। कोर्ट से कहा गया कि 30 से 35 लोग उनके घर और आफिस के सामने धरना देने की योजना बनाए हुए हैं। इन्हें ऐसा करने से रोका जाए। सूत्रों ने बताया कि कोर्ट को यह नहीं बताया गया कि ये जो लोग हैं, वे कोई और नहीं बल्कि इन्हीं के कर्मचारी हैं जो अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। फिलहाल कोर्ट का आदेश आफिस और घर पर चस्पा कर दिया गया है। वीओआई कर्मी आफिस के अंदर नहीं घुस पा रहे। आफिस से कोई सामान भी ले जाने पर कोर्ट ने रोक लगा दी है।
एक अन्य डेवलपमेंट के अनुसार वीओआईकर्मियों ने लेबर कोर्ट में वीओआई प्रबंधन की कंप्लेन की है। प्रबंधन पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं जिसमें सेलरी, पीएफ, टीडीएस आदि न देने की बात कही गई है। शिकायत पर तुरंत सक्रिय होते हुए श्रम विभाग ने अपने तीन इंस्पेक्टरों को वीओआई आफिस भेजा। वहां मौजूद 200 के करीब वीओआईकर्मियों ने अपने बयान दर्ज कराए। श्रम विभाग ने वीओआई के मालिकों के पास भी नोटिस भेज दिया है। यह नोटिस आफिस और घर पर चिपकाने के साथ ही बाईपोस्ट भी भेजा गया है और फैक्स भी कर दिया गया है। सुनवाई की अगली तारीख 16 सितंबर पड़ी है।
उधर, वीओआई प्रबंधन की रणनीति है कि आंदोलन को लीड कर रहे लोगों को तोड़कर उन्हें उनका बकाया दे दिया जाए और बाकी लोगों को छोड़ दिया जाए। इसी रणनीति के तहत प्रबंधन आंदोलन के आधा दर्जन प्रमुख लोगों को बार-बार बात करने के लिए आमंत्रण दे रहा है। आंदोलनकारियों का कहना है कि सभी कर्मचारियों को इकट्ठे बकाया मिलना चाहिए। प्रबंधन का कहना है कि दस-दस के ग्रुप में वह सेटलमेंट करेगा। कर्मचारियों का मानना है कि प्रबंधन दस-दस के कुछ ग्रुप को तो बकाया दे देगा लेकिन बाद में वह फिर सबको अधर में छोड़ देगा। आंदोलन में एक बार फूट पड़ जाने के बाद मालिकों पर दबाव बनाना आसान नहीं रह जाएगा।